रास्ता बंद कराने पहुंचे अधिकारी बेरंग वापस : बोकारो के महेशपुर के ग्रामीणों और रेलवे के अधिकारियों के बीच हुई झड़प

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RASTA KE VIVAD ME GRAMINO aUR RAILWAT KE ADHIKARIO KE BEECH JHARAP RASTA KE VIVAD ME GRAMINO aUR RAILWAT KE ADHIKARIO KE BEECH JHARAP

BOKARO:- बड़ी खबर बोकारो से हैं जहां रास्ते के विवाद में महेशपुर के ग्रामीणों और रेलवे के अधिकारियों के बीच जबरदस्त टकराव हो गया।बाद में रेलवे के अधिकारियों को पीछे हटना पड़ा।

दरअसल महेशपुर और रेलवे के बीच रास्ता को लेकर कई सालों से विवाद चला रहा है। इसी को लेकर आज रेलवे के अधिकारी महेशपुर के रास्ता को जबरन बंद करने आए थे। लेकिन ग्रामीणों ने जोरदार विरोध को देखकर अधिकारी मौके से बेरंग वापस लौट गए। इस दौरान ग्रामीणों ने मौके पर मौजूद जेसीबी और ट्रैक्टर में चढ़कर रेलवे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों के आक्रोश को देखते हुए मौके से जेसीबी और ट्रैक्टर को वापस ले जाया गया।

महेशपुर के ग्रामीणों ने इसको लेकर रेलवे के अधिकारी से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री तक इस मामले को ले जाने का काम किया है, लेकिन अभी तक इस पर कुछ भी ठोस फैसला नहीं हुआ है ।रेलवे के द्वारा रास्ते को बंद किए जाने से लगभग दो हजार की आबादी प्रभावित हो सकती है। वर्तमान में टीटी रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य चल रहा है। यहां रहनेवाले ग्रामीण बोकारो स्टील के विस्थापित हैं।

जानकारी के मुताबिक टीटी रेलवे लाइन बनने के समय 1982 में महेशपुर गांव के पुराना रास्ता को काटकर पटरी बिछा दी गई थी। उस समय बगल में रेलवे द्वारा एक रास्ता ग्रामीणों को दिया गया था। जिससे ग्रामीण आवागमन करते आ रहे हैं ।परंतु रेलवे द्वारा उस रास्ता को अवैध कह कर बंद करने का हमेशा प्रयास किया जा रहा है। जबकि ग्रामीणों का एक वही मुख्य मार्ग है जिससे प्रत्येक दिन ग्रामीण हर जरूरत कार्यों के लिए आवागमन करते हैं। ग्रामीण अपने रास्ता को लेकर 2007 से डीआरएम एवं बोकारो उपायुक्त के साथ ही ग्रामीण विकास मंत्री झारखंड सरकार, मुख्यमंत्री झारखंड सरकार से मिलकर समस्या से अवगत कराते हुए लिखित आवेदन दिया जा चुका है।

मुख्यमंत्री के निर्देश से रांची से एक जांच टीम महेशपुर पहुंच कर स्थल का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट परिवहन विभाग रांची में समिट किया जा चुकी है। मामला को लेकर देरी हो रही है। रेल अधिकारी का कहना है राज्य सरकार खर्च देगी तो रेलवे ग्रामीणों के लिए एलएचएस रास्ता बना देंगे। यह मामला राज्य सरकार के यहां विचाराधीन है ।दोनों के बीच मामला फंसे रहने की वजह से ग्रामीण पीसे जा रहे है । विदित हो कि टीटी रेलवे लाइन का दोहरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। जिससे ग्रामीणों का रास्ता पूरी तरह से बंद होने की संभावना है ।जिससे लगभग 2000 लोग पूरी तरह से प्रभावित होंगे।वहीं स्थानीय विस्थापित नेता हसनुल्लाह अंसारी ने कहा ने कहा जब तक महेशपुर ग्रामीणों का रास्ता एलएचएस नहीं दिया जाएगा तब तक रेलवे के दोहरीकरण का कार्य नहीं होने दिया जाएगा।


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