अब राकेश सिन्हा का विपक्ष पर जोरदार हमला : सनातन धर्म पर विवादित बयानबाजी नहीं बर्दाश्त, DMK नेता को दिया सांस्कृतिक ज्ञान
बेगूसराय : खबर है बेगूसराय से जहां राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने सनातन पर हो रहे हमले पर जहां विपक्ष पर हमला बोला है। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान का समर्थन किया है। साथ ही DMK नेता उदय निधि स्टालिन और ए राजा को सांस्कृतिक ज्ञान का पाठ भी पढ़ा दिया।
दरअसल सनातन धर्म पर स्टालिन के बेटे उदय निधि स्टालिन के विवादित बयान के बाद अब डीएमके के नेता ए राजा की विवादित टिप्पणी सामने आयी है जहां उन्होंने सनातन धर्म को एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसे बताया है। इस बयान पर राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा की विमर्श में शब्दों का चयन और सांस्कृतिक और सांस्कृतिक भावना होनी चाहिए लेकिन जब इन दोनों का अभाव होता है तो विमर्श विकृत हो जाता है।
ए राजा का यह बयान और स्टालिन के सुपुत्र का वो बयान दोनों ही दोनों ही विमंदावाड है विमर्श नहीं और वह स्वयं तमिल पर हमला बोल रहे हैं। अगस्त मुनि को साक्षात भगवान शिव ने तमिल भाषा सिखाया था उसी के आधार पर अगस्त मुनि ने तमिल संस्कृति तमिल भाषा और तमिल समाज की यात्रा शुरू की। अगस्त मुनी ने दक्षिण और उत्तर भारत को जोड़ने का काम किया था तो ए राजा वास्तव में तिरुवल्लुवर अगस्त मुनि, सुब्रमण्यम भारती जैसे ऐसे विद्वानों को जो तमिल अस्मिता के प्रतीक हैं उन पर प्रहार किया है।
वहीं मोहन भागवत के बयान पर कहा कि सामंतवादी व्यवस्था में जातिवाद को बढ़ाने का काम किया है जब तक भेदभाव है समाज के एक बड़े वर्ग को वंचित रखना पड़ा था आगे ऐसी स्थिति बनी हुई है। आरक्षण का लक्ष्य यही है कि उस तरह के भेदभाव को पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाना है। जिसे सामाजिक न्याय कहते हैं इस देश के संविधान में आर्थिक और सामाजिक न्याय की व्यवस्था है और दोनों तब तक जारी रहना चाहिए। मोहन भागवत ने सही कहा है और उचित कहा है। संवैधानिक तौर पर जारी रहना चाहिए जब तक समाज का हर व्यक्ति एक पायदान पर नहीं आ जाए। वहीं आनंद मोहन के पीएम पर टिप्पणी पर कहा कि वह कोई वीरता के लिए जेल गए थे और जेल से बाहर आकर वीरता का काम कर रहे हैं उनके बयान पर टिप्पणी भी नहीं की जा सकती है।