दो-दो हाथ करने को तैयार : ACS KK पाठक के खिलाफ CPI के संजय कुमार सिंह समेत कई MLC का राजभवन मार्च आज..
PATNA:-CPI के प्रोफेसर संजय कुमार सिंह समेत सत्तापक्ष एवं विपक्ष के करीब एक दर्जन विधान पार्षद (MLC)बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आईएएस केके पाठक के खिलाफ आज राजभवन मार्च करने वालें हैं और राज्यपाल से मिलकर केके पाठक को हटाने की मांग करने वालें हैं.ये विधान पार्षद केके पाठक पर मनमाने तरीके से काम करने का आरोप लगा रहें हैं और लोकतंत्र में संघ बनाने एवं विभिन्न मुद्दों पर विरोध प्रकट करने के अधिकार को खत्म करने का आरोप लगा रहे हैं.
बताते चलें कि केके पाठक के कई आदेश पर राज्यपाल सह कुलाधिपति ने भी आपत्ति जताई थी और उनके कई फैसले को पलटने का आदेश जारी किया था.केके पाठक की कार्यशैली के खिलाफ बिहार के शिक्षक संघो ने भी आपत्ति जताई है.लेकिन अब करीब एक दर्जन विधान पार्षद खुले आम केके पाठक का विरोध करते हुए राजभवन मार्च कर रहे हैं.इस बहाने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर दवाब बढ़ाना चाहते हैं ताकि नीतीश कुमार केके पाठक के मसले पर कुछ फैसला करें क्योंकि सीएम नीतीश कुमार केके पाठक के कार्य की कई बार सार्वजनिक मंचो से तारीफ कर चुकें हैं और शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रेशेखर से विवाद के मामले में नीतीश कुमार ने केके पाठक का ही समर्थन किया था और उसके बाद से शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर एक रबर स्टांप की तरह कार्य कर रहे हैं.शिक्षा विभाग का सारा फैसला केके पाठक ही ले रहे हैं.
दरअसल संजय सिंह का केके पाठक के खिलाफ मोर्चा खोलने की वजह एक आदेश है जिसमें शिक्षा विभाग द्वारा सभी प्रोफेसर और व्याख्याताओं को एक दिन में कम से काम 5 क्लास लेने का निर्देश जारी किया था.इस आदेश का शिक्षक संघ फुटाव के महासचिव होने के नाते एमएलसी संजय कुमार सिंह ने विरोध किया था और इसे यूजीसी की गाइडलाइन के खिलाफ बताया था.संजय सिंह के इस विरोध की वजह से केके पाठक ने रिटायर प्रोफेसर के रूप में मिल रही उनकी पेंशन को बंद करने का निर्देश दिया था.केके पाठक के इस निर्देश के बाद से एमएलसी संजय सिंह ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.संजय सिंह ने विधान परिषद में केके पाठक के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला लाने की घोषणा की है,वहीं आज आज सत्तापक्ष एवं विपक्ष के कई विधान पार्षदों के साथ मिलकर संजय सिंह राजभवन मार्च कर राज्यपाल से मुलाकत कर रहे हैं.अब देखना है कि विधान पार्षदों के इस कदम के बाद सीएम नीतीश कुमार केके पाठक को लेकर क्या फैसला करतें हैं.