प्रधानाचार्यों का 4 दिवसीय वार्षिक सम्मेलन शुरू : दक्षिण बिहार के 17 जिलों के 250 प्रतिभागी शामिल, शिक्षा पर चर्चा
गया : खबर है गया शहर के माड़नपुर मोहल्ला स्थित दया प्रकाश सरस्वती विद्या मंदिर के सभागार में शिशु शिक्षा प्रबंध समिति एवं भारती शिक्षा समिति बिहार के तहत संचालित सरस्वती शिशु मंदिरों एवं विद्या मंदिरों के प्रधानाचार्यों का 4 दिवसीय वार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। सम्मेलन का उदघाटन मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दक्षिण बिहार के प्रांत प्रचारक राणा प्रताप सिंह एवं प्रदेश मंत्री भरत पूर्वे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान सभी अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया।
जानकारी मिल रही है कि कार्यक्रम का शुभारंभ धार्मिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। 4 दिवसीय प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन में दक्षिण बिहार के 17 जिलों के विभिन्न सरस्वती शिशु एवं मंदिरों से लगभग 250 प्रतिभागी शामिल हुए हैं। इस मौके पर सरस्वती विद्या मंदिर के आचार्य जितेंद्र शर्मा ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिवर्ष इस तरह के सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। ताकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हुए परिवर्तन को छात्रों से अवगत कराया जा सके। साथ ही शिक्षकों को प्रशिक्षित कर उनके कार्य क्षमता को बढ़ाया जाए। समाज का विकास कैसे हो ? इस पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि शिक्षा जीवन मूल्यों पर आधारित होना चाहिए। विद्या भारती विद्यालय के तहत शिक्षा के माध्यम से भारतीय संस्कृति, संस्कार, विभिन्न प्रकार के नवाचार, आयाम, नए शोध के साथ पुरे विश्व में आदर्श मानव निर्माण के लिए शिक्षा दे रही है।
वही मुख्य अतिथि प्रांत प्रचारक राणा प्रताप सिंह ने कहा कि शिक्षा जीवन के लिए हो, प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं। शिक्षा स्वाभिमान और आत्म गौरव बढ़ाने वाली हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा का भारतीय करण हो, जो हमारी राष्ट्रीय शिक्षा का एक स्वरूप बन सके। शिक्षा में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए प्रयास करना है। मानवीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा से ही व्यक्ति का निर्माण होता है।