ज़हरीली शराब ने बिगाड़ी स्थिति : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा 'ऑन-स्पॉट इन्क्वारी'

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Poisonous liquor spoiled the situation, National Human Rights Commission said 'on-spot enquiry' Poisonous liquor spoiled the situation, National Human Rights Commission said 'on-spot enquiry'

बिहार में ज़हरीली शराब से हो रही मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है. मिडिया रिपोर्ट्स का आंकड़ा लगभग 80 को पार कर रहा है. जिसमें सारण से लगभग 70, सिवान से 6 और बेगूसराय से 2 लोगों के मौत की ख़बर आ रही है. जबकि सरकारी आंकड़ा अभी 30 के आसपास है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है के मैं पूरे राज्य में शराबबंदी पर जागरूकता फैलाऊंगा और उन्होंने प्रशासन से भी कहा है की पूरी कड़ाई से शराबबंदी कानून को लागू करें. पर इसका ख़्याल ज़रूर रखें की समाज का ग़रीब तबक़ा इस में बिना वजह परेशान ना हो.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है 'आयोग ख़ुद एक जाँच टीम बनाएगी जिसे उसके ही एक सदस्य हेड करेंगे और ऑन-स्पॉट इन्क्वायरी होगी.' आगे आयोग ने यह भी कहा आयोग जानना चाहती है की जो लोग ज़हरीली शराब पीने से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं, उनका सही और सुचारु इलाज चल रहा है या नहीं सरकार करवा रही है या नहीं. साथ-साथ ये भी देखा जायेगा की सरकार ने जो भी तरीका इस सामाजिक बुराई को मिटाने के लिए अपनाया है क्या वो इसे जड़ से उखाड़ने में सफल होगी या नहीं, जैसी घटनायें बिहार में घट रही हैं.

आयोग ने कहा की शराबबंदी बिहार में अप्रैल 2016 से लागू है पर फिर भी मिल रही है, ये कहीं ना कहीं राज्य मशीनरी की असफलता है.


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