पटना पुस्तक मेला में काव्य सम्मेलन का आयोजन : चर्चित हास्य कवि शंभू शिखर ने बिखेरा जलवा, हंस-हंसकर लोटपोट हुए श्रोता
पटना :पटना पुस्तक मेला के श्रीकृष्णापुरी मुख्य मंच पर आयोजित काव्य सम्मेलन में देश के चर्चित हास्य कवि शंभू शिखर, जबलपुर से श्रुति जैन, पटना से कवि पत्रकार चंदन द्विवेदी, युवा पत्रकार कवि रजत काव्य सम्मेलन में शामिल हुए । इसकी अध्यक्षता शंभू शिखर ने की।
बिहार हेरिटेज़ सोसाइटी के आनंद आशुतोष द्विवेदी और पटना पुस्तक मेला के संयोजक अमित झा ने सभी अतिथियों को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया. पुणे से आए चर्चित युवा कवि विनीत शंकर ने देश बचाना हो तो ख़ाकी बन जाते हैं..देश बचाना हो तो खाड़ी बन जाते हैं, ये बिहार के लड़के कि इनसे सीखो तुम दिल टूटे तो डीएम एसपी बन जाते हैं। मुश्किल में अब हम भी बुलाए जाते हैं...हम भी ग़म का भाव लगाना सीख गए। मिलजुल कर हम बन सकते हैं, रंगोली बांटोगे तो ख़तरा है जैसी शायरी से समा बांधा।
काव्य सम्मेलन में युवा कवि रजत ने शायरी से शुरुआत की। उम्रें गुजरी हैं, तब जाकर ये रंग आया है...हम मिट्टी थे, वक्त ने तपाकर सोना बनाया है। रजत ने बिहार के दर्द पलायन, गांव से टूट कर शहर आए लोगों से जुड़ी पंक्ति सुनायी - टूटके डाली से भी अपनी खूशबू साथ लाते हैं, एक गुलदस्ते की खातिर कितने फूल बिखर जाते हैं भी सुनायी।
जबलपुर से आईं श्रुति जैन ने प्रेम की कविता-बेरंग से ख्वाबों को मैं घानी कर दूंगी, आंखों के आंसू को बेमानी कर दूंगी। उसने मेरे दिल को आजमा कर देख लिया एक धोखा भी हमने खाकर देख लिया, कुछ हाल हुआ ऐसा कि दिल भी टूट गया, उसने तो अपना दिल बहलाकर देख लिया। श्रुति जैन ने जज्बात महकते हैं जब तुमसे मिलती हूं, भी सुनायी।
चंदन द्विवेदी कवि पत्रकार ने कहा कि जमीं नहीं आसमां का अनुभवी होना पड़ता है, अपनों के पास खुद अजनबी बनना पड़ता है। जितनी हमने विपदा झेली, उतना दमखम आया है, हर विपदा पर जो भारी है वही पत्रकार बन पाया है। एक बार गांठें बंधती है सातों जनम निबह जाता है पर खूब तालियां बटोरी।
हास्य उक्तियों से श्रोताओं को खूब हंसाने वाले शंभू शिखर ने कहा बिहार में भगवान और शराब एक जैसे हैं, दोनों दिखते नहीं पर श्रद्धा से समर्पित होने पर साक्षात प्रकट हो जाते हैं। बिहारियों में प्रतिभा की कमी नहीं है ऐसा किसी दूसरे प्रदेश के युवा ने जब शंभू शिखर से पूछा तो शंभू ने कहा कि बाकी प्रदेश के लोगों में जितना दिमाग होता है, उतना मेरा खराब रहता है। शंभू शिखर ने लोकप्रिय गीत हम श्रमनायक हैं भारत के और मेधा के अवतारी हैं। हम धरतीपुत्र बिहारी हैं, से युवाओं का दिल जीत लिया।