DMCH में मरीज की जान से खिलवाड़ : ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट में छोड़ा टेट्रा, महीने भर बाद खुली पोल तो मचा हंगामा

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Playing with patients life in DMCH Playing with patients life in DMCH

DARBHANGA :उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक बार फिर लापरवाही का मामला सामने आया है। स्त्री रोग विभाग के चिकित्सक ने ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट में टेट्रा छोड़ दी, जिससे मरीज की तकलीफ घटने के बदले बढ़ता ही जा रहा था।

DMCH में मरीज की जान से खिलवाड़

इस बात का खुलासा कल देर रात हुआ, जब मरीज तकलीफ से बेचैन थी और उसे ड्रेसिंग के लिए एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। इस मामले को लेकर अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि मरीज फिलहाल ठीक है तथा पूरे मामले में होगी जांच होगी।

घटना के संबंध में बताया जाता है कि जाले प्रखंड के ब्रह्मपुर पश्चिमी निवासी शिवम ठाकुर की 24 वर्षीय पत्नी अंजला कुमारी का 8 अक्टूबर को DMCH में ऑपरेशन कर प्रसव हुआ है और 14 अक्टूबर को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। घर आने के बाद से ही उसकी तकलीफ घटने के बदले बढ़ता ही जा रही थी। ऑपरेशन वाला भाग धीरे-धीरे घाव में बदल गया और पस हो गया।

महीने भर बाद मरीज के पेट से निकला टेट्रा

वहीं, घाव के ड्रेसिंग के दौरान महिला के पेट से एक महीना बाद टेट्रा निकला गया, जिसका LIVE वीडियो सामने आया है। वहीं, परिजन अंजला के पति शिवम ठाकुर ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि 8 अक्टूबर को डीएमसीएच में ऑपरेशन होकर लड़का हुआ। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने मरीज के पेट के अंदर टेट्रा छोड़ दिया, जिसके कारण लगातार मरीज को परेशानी हो रही थी और 40 दिन के बाद टेट्रा को बाहर निकाला है।

वहीं, उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी उन्हें बीती रात गांव में डॉक्टर द्वारा ड्रेसिंग के दौरान पता चला। घाव की सफाई के दौरान पेट के अंदर से उजले रंग का कुछ निकला हुआ दिखा। इसके बाद रुई से सफाई करने के बाद पेट के अंदर से टेट्रा बाहर निकला, जिसका हमलोगों ने वीडियो भी बनाकर रखा है।

वहीं, डीएमसीएच अधीक्षक अल्का मिश्रा ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान साफ सफाई के लिए छोटा-सा टुकड़ा टेट्रा का होता है, जिसे सर्जरी के दौरान डॉक्टर ब्लीडिंग को साफ करने के लिए उपयोग में लाते हैं। उन्होंने कहा कि मानवीय भूल हो सकती है। उसे हम इनकार नहीं कर सकते हैं। लेकिन क्या हुआ, नहीं हुआ, यह जांच का विषय है। जांच के उपरांत ही परिजन के आरोप की सत्यता का पता चल पाएगा।

वहीं, उन्होंने कहा कि हम लोगों की प्राथमिकता है कि पहले मरीज की बेहतर इलाज हो। इस बात पर हम लोगों की नजर है। मरीज को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।