पितरों के प्रति श्रद्धा : पितृ अमावस्या के अवसर पर गयाजी में पूर्वजों को जल देने के लिए उमड़ी हजारों की भीड़

Edited By:  |
Reported By:
PITRIPAKSHA MELA ME GAYA ME  LAKHO KI BHID.. PITRIPAKSHA MELA ME GAYA ME  LAKHO KI BHID..

GAYA:गयाजीमेंचलरहेविश्वप्रसिद्धपितृपक्षमेला-2022महासंगमकेअंतिमदिनआजतीर्थयात्रियोंनेफल्गुनदीकेजलसेतर्पणकर्मकांडकिया.आजकेदिनअमावस्याकोपितरोंकोमोक्षदायिनीफल्गुनदीकेजलसेतर्पणकर्मकांडकियाजाताहै.अहलेसुबहसेहीहजारोंकीसंख्यामेंपिंडदानियोंकाजनसैलाबफल्गुनदीस्थितदेवघाटपरउमड़पड़ा.जहांपूरेधार्मिकविधि-विधानसेफल्गुनदीमेंस्नानकरतीर्थयात्रियोंनेपितरोंकोतर्पणकिया.

इस मौके पर स्थानीय पंडा ऋषिकेश गुर्दा ने बताया कि आज सर्व पितृ अमावस्या है. आश्विन माह में चल रहे 17 दिनों के त्रिपक्षीय श्राद्ध का आज अंतिम दिन है. आज अंतिम दिन 'सुख सैंयादान' और पिंडदान कर पितरों को विदाई दी जाती है. यह वटवृक्ष की महत्ता है. ऐसी पौराणिक मान्यता है कि जो लोग 17 दिनों तक पिंडदान नहीं कर पाते हैं, वे आज के दिन फल्गु नदी के पवित्र जल से स्नान कर सभी पितरों के नाम से तर्पण व 'जलदान' करते हैं. जिससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसे में आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है. आज के दिन अक्षयवट वृक्ष के नीचे सुफल करने से पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है. ऐसे में दूर-राज से आए पिंडदानी पितरों की आत्मा की शांति हेतु आज तर्पण कर्मकांड कर रहे हैं.


Copy