Bihar : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा – चुनौतियां एवं समाधान पर शिक्षा पदाधिकारियों के एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
PATNA : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अर्थ गतिशील और प्रासंगिक शिक्षा है, जो सामाजिक आवश्यकताओं और प्रगति के साथ अनुकूलित होती रहती है। इसमें न केवल अकादमिक उत्कृष्टता बल्कि समग्र मानव विकास का प्रोत्साहन भी शामिल है, जैसे कि रचनात्मक सोच, नैतिक मूल्य और संवाद कौशल। संयुक्त राष्ट्र का सतत विकास लक्ष्य-4 (SDG-4) भी समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करने के साथ सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है।
शिक्षा विभाग, बिहार सरकार द्वारा आज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और डॉ. एस. सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार सरकार ने किया।
डॉ. एस. सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव ने स्वागत संबोधन करते हुए सभी को विषय वस्तु से अवगत करवाया और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया। अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग द्वारा इस कार्यशाला में मंत्री शिक्षा विभाग का स्वागत करते हुए कार्यशाला के विषय वस्तु पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि क्षेत्रीय पदाधिकारी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लक्ष्य की सम्प्राति में आ रही चुनौतियों की जानकारी प्राप्त की जाए और इसके समाधान के संबंध में उनका मंतव्य प्राप्त किया जाएगा।
इसके उपरांत शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने प्रभावी शिक्षक प्रशिक्षण; गणित, अंग्रेजी एवं हिंदी लेखन में दक्षता; स्मार्ट कक्षाओं का उपयोग; शारीरिक शिक्षक का उपयोग; विद्यालयों को रोल मॉडल बनाना; गुणवत्तापूर्ण शिक्षा; समग्र विद्यालय विकास व दिव्यांग छात्रों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया।
इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. एस. सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के साथ; बैद्यनाथ यादव, सचिव, शिक्षा विभाग; सतीश चंद्र झा, विशेष सचिव, शिक्षा विभाग; पंकज कुमार, निदेशक, प्राथमिक शिक्षा; योगेन्द्र सिंह, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा; सज्जन आर, निदेशक एससीईआरटी; विनायक मिश्रा, निदेशक, एमडीएम; संजय कुमार, अपर सचिव, शिक्षा विभाग; सुबोध कुमार चौधरी, निदेशक प्रशासन; अनिल कुमार, निदेशक जन शिक्षा; और डॉ. रविशंकर सिंह, अपर राज्य परियोजना निदेशक, बी.ई.पी.सी. भी शामिल थे।
कार्यशाला के दौरान शिक्षा पदाधिकारियों ने अपने अनुभव से गुणवत्ता पर प्रभाव डालने वाले अनेक कारकों पर ग्रुपवाइज पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से चुनौतियां एवं समाधान भी बताया।
उन्होंने बताया कि बिहार सरकार बच्चों के लिए विद्यालय की पहुंच सुनिश्चित कर रही है और अब उनकी प्राथमिकता सभी बच्चों को बिना भेदभाव के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर है। इस कार्यशाला में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जुड़े 9 महत्वपूर्ण विषयों पर शिक्षा पदाधिकारियों ने चर्चा की, जिनमें प्रमुख था :
1. विद्यालय प्रबंधन और प्रशासन
2. छात्रों का नामांकन एवं उपस्थिति
3. शिक्षकों की भूमिका एवं जिम्मेदारी
4. कक्षा-कक्ष का संचालन
5. आधारभूत संरचना एवं सुविधाएं
6. शैक्षणिक बुनियादी ढांचा
7. प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना (मध्याह्न भोजन)
8. विद्यालय का प्रभावी निरीक्षण
9. डायट (District Institute of Education and Training) की भूमिका
कार्यशाला का उद्देश्य इन सभी विषयों पर विचार-विमर्श कर शिक्षा प्रणाली में सुधार हेतु ठोस कदम उठाना है। कार्यशाला के समापन में अपर मुख्य सचिव ने कई आवश्यक उपायों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध होने के लिए प्रोत्साहन दिया और अब तक हुई कमियों के सुधार हेतु गहन चर्चा की।
अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग द्वारा सभी उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत किया गया और आज की कार्यशाला के विषय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चुनौती एवं समाधान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी राज्यस्तरीय एवं जिलास्तरीय अधिकारियों द्वारा चिंतन किया जाएगा कि विद्यालयों के बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में क्या चुनौतियां हैं एवं इसके प्रस्तावित समाधान क्या हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में शिक्षा से जुड़े विषय पर क्षेत्रीय शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रेजेंटेशन और चिंतन के आधार पर एक internal strategy तैयार किया जाएगा।
इन रणनीतियों पर राज्य स्तर पर विचार करते हुए और सुधार तैयार कर सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को ऑनलाइन जोड़ते हुए मसौदा को अंतिम रूप दिया जाएगा। अतः शिक्षा पदाधिकारियों के 9 समूह द्वारा किए गए प्रस्तुतिकरण में उल्लेखित चुनौतियां एवं सुझाए गए समाधान का विभाग द्वारा अध्ययन कर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।