Bihar : कब्रिस्तान की जमीन पर खेल मैदान निर्माण का विरोध, मुजफ्फरपुर में विवाद बढ़ा
MUZAFFARPUR :बिहार सरकार ग्रामीण स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए खेल मैदान बनाने की योजना पर तेजी से कार्य कर रही है। इसको लेकर जिले के सभी ग्राम पंचायतों में खेल मैदान बनाये जा रहे हैं। बिहार के 6808 ग्राम पंचायतों में खेल मैदानों का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू कर दिया गया है। इसको लेकर 652 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति भी दे दी गई है।
1 मार्च, 2025 तक खेल मैदान का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है। इस बीच जमीन के अभाव में विभाग कब्रिस्तान और श्मशान की जमीन का स्वीकृति प्रारम्भ कर दिया है, जिसका विरोध शुरू हो गया है। निर्माण से पहले ही मुजफ्फरपुर के कटरा इलाके में विवाद बढ़ चुका है। बंधपुरा पंचायत के बाद कटाई पंचायत से नया मामला सामने आया है। पूर्वजों के ज़माने की कब्रिस्तान की जमीन पर खेल का मैदान निर्माण करवाने का आरोप लगाया है।
सैकड़ों परिवार के लोगों का चूल्हा चौका बंद पड़ा हुआ है। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी सुब्रत राय सेन और एसडीएम पूर्वी अमित कुमार से की है। बताया जा रहा है कि उफरौली पंचायत में दो कब्रिस्तान वर्षों से उस इलाके में है। एक कब्रिस्तान की घेराबंदी कर ली गई है। दूसरे कब्रिस्तान की जमीन की घेराबंदी नहीं की गई है।
हालांकि, मनरेगा से कब्रिस्तान के नाम मिट्टी भराई का कार्य 2019 में हो चुका है। अलग-अलग इलाके के लोगों का मुस्लिम रीति-रिवाज के तहत शव को कफन दफन करते हैं। उस दौरान लोगों को यह जानकारी लगी। कब्रिस्तान की जमीन को खेल के मैदान बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके बाद लोग विभाग के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।
हालांकि, पंचायत के मुखिया कृष्णा देवी ने कहा कि वह कब्रिस्तान की जमीन नहीं एक सरकारी परती है। पहले लोग उस ग्राउंड में खेलते थे। विकास कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। वहीं, इस मामले को लेकर कटाई पंचायत के सरपंच पति ने बताया कि यहां बिहार सरकार की जमीन की कमी नहीं है। थाना परिसर के बगल में काफी सख्या में सरकारी जमीन है। इसके बावजूद कब्रिस्तान की जमीन को चिह्नित किया जा रहा है, जो काफी निंदनीय है। विभाग स्थल की जांच करे और मुआयना के बाद ही जमीन की स्वीकृति दे।
वहीं, इस मामले को लेकर ग्रामीण राजा नदाफ ने बताया कि यहां कुछ और सामाजिक तत्व के लोग हैं, जो लगातार आपसी सौहार्द बिगड़ने का काम करते रहते हैं। आज से नहीं पूर्वजों के जमाने से यह कब्रिस्तान की जमीन है। इस पर खेल के मैदान की स्वीकृति दे दी गई। उसमें हमारे पूर्वजों का कब्र है। मुस्लिमों में कब्र को पाक माना जाता है।