लापरवाही : नालंदा में दो भाईयों को कोवैक्सीन की जगह कोविशिल्ड का टीका लगा दिया


NALANDA:-3 जनवरी से 15 से 18 साल के किशोरों के लिए कोरोना टीकाकरण का अभियान शुरू हो चुका है।पदले दिन ही देश के 40 लाख किशोरों को कोरोना का टीका दिया गया है।इस बीच बिहार के नालंदा जिला से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है।इस लापरवाही का खामियाजा यहां के दो किशोर भाइयों को भुगतना पड़ सकता है।
दरअसल नालंदा जिला में दो किशोर भाइयों को कोवैक्सीन की जगह कोविशिल्ड का टीका लगा दिया गया है।बिहारशरीफ के प्रोफेसर कॉलेनी के पियूष रंजन और आर्यन किरण को कोविशील्ड का टीका दे दिया गया है.उसने नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित आईएमए हॉल पर जाकार टीका लिया था.उसने सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद टीका लगवाया था पर टीका लगाने के बाद उसे पता चला कि उसे और उसके भाई को कोवैक्सीन की जगह कोविशिल्ड टीका दे दिया गया है।
गलत टीका लगाए जाने से परेशान युवक ने जब यहां के स्वास्थ्यक्रमियो से शिकायत की तो उसे बताया गया कि कोविशिल्ड लेने से कोई परेशानी नहीं होगी.किशोर के पिता प्रियरंजन कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है इस मामले में जब वे सीएस कार्यालय गए तो उन्हें डेढ़ घंटे की ऑब्जर्वेशन में रखा गया और यह कह कर भेज दिया गया कि अगर कोई परेशानी होगी तो उनके घर मेडिकल टीम को भेज दिया जाएगा। अब किशोर के माता-पिता को अनहोनी की चिंता सता रही है।उन्हें डर लग रहा है कि उनके बेटों को कुछ हो ना जाए। किशोर के पिता ने कहा कि एक तो वैक्सीन देने में लापरवाही बरती गई दूसरा जो सर्टिफिकेट जनरेट किया गया है उसमें कोविशिल्ड की जगह कोवैक्सीन ही दर्शाया गया है।
वहीं इस लापरवाही की शिकायत मिलने के बाद आनन-फानन में टीका देने वाले दोनों कर्मी को वहां से हटा दिया गया.इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी मिली है। टीका देने वाले कर्मी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। दरअसल जो पूर्व में टीका दे रही थी वह कोरोना पॉजिटिव हो गई थी। उसी की जगह पर नए जीएनएम के द्वारा यह गलती हुई है। किशोर के परिजनों को आश्वस्त कर दिया गया है। उन्हें स्वास्थ विभाग का नंबर उपलब्ध करा दिया गया है। किसी भी तरह की परेशानी होने पर 24 घंटे मेडिकल सेवा उनके लिए उपलब्ध करा दी जाएगी.