मुजफ्फरपुर आँख कांड पर सरकार गंभीर : हैदराबाद से मंगवाकर कॉर्निया ट्रांसप्लांट, बाहर भी हो सकता है इलाज खर्च वहन करेगी सरकार

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मुजफ्फरपुर आँख अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद लोगो के आँखों की रौशनी जाने के बाद सरकार हरकत में आ गई है.लापरवाही की बात सामने आने के बाद सरकार ने तत्परता दिखते हुए सभी पीड़ितों को आईजीआईएमएस पटना में शिफ्ट किया है जहां इनकी रौशनी वापस लाने के लिए कवायद चल रही है,इसी कड़ी में एक मरीज़ के आँख का कार्निया हैदराबाद से मांगकर ट्रांसप्लांट किया गया है.इसके अलावा और भी कार्निया मंगवाई गई है. इसके साथ ही स्वस्थ्य मंत्री ने विभाग को ये निर्देश दिया है की यदि बेहतर इलाज के लिए किसी को बहार ले जाने की भी ज़रुरत हो तो ले जाये और इस पूरे खर्च का वहन सरकार करेगी।

इससे पहले इस मामले में जाँच करते हुए मुजफ्फरपुर आँख अस्पताल को सील कर दिया गया था इसके साथ ही मुख्य चिकित्सक डॉक्टर एनडी साहू समेत14लोग के खिलाफ ब्रह्मपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.दरअसल कैम्प लगाकर मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में65लोगो के आँखों का ऑपरेशन किया गया था जिसमे दो दर्ज़न से ज़्यादा लोगों के आँखों की रौशनी चली गई थी और कई लोगों की आँखे भी निकालनी पड़ी थी इन्फेक्शन की वजह से।

शीतकालीन सत्र के दौरान विधानपरिषद में राबड़ी देवी ने भी इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया। सरकार ने टीम गठित कर जाँच भी करवाई और उसकी समीक्षा भी हुई जिसमे ये निकल कर सामने आया की ख़राब दवा और औपरेशन थिएटर की गंदगी की वजह से इन्फेक्शन फैला और लोगों की आँखे निकालनी पड़ी। वही आईएमए की मुजफ्फरपुर इकाई ने इसको लेकर एक बैठक की जिसमे सिविल सर्जन सहित 60 डॉक्टरों ने हिस्सा लिया बैठक में डॉक्टरों ने इस घटना पर चिंता ज़ाहिर की और कहा की ये सुनिश्चित हो की आगे से ऐसी घटना न होने पाए। साथ ही अध्यक्ष डॉ. सीबी कुमार ने कहा की डॉक्टर इसमें दोषी नहीं है चूकि ओटी को सही तरीके से स्ट्रेलाइज़्ड नहीं किया गया था इसलिए ये घटना हुई सो इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ज़िम्मेदार है न की डॉक्टर।

इस पूरे मामले पर जाँच कार्रवाई और समीक्षा अलग अलग स्तर पर जारी है,कार्रवाई की भी बात हो रही लेकिन इन सब के बीच ज़रूरी ये है की जल्दबाज़ी और हड़बड़ी में इस तरह से मानकों को दरकिनार करते हुए किसी भी मेडिकल कैम्प को नहीं लगाना चाहिए ताकि आम लोगों को अपनी भूल का एहसास आँखों की रौशनी गवाने के बाद हो।

अमित सिंह की रिपोर्ट


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