कशिश की ख़बर का असर : वर्ल्ड क्लास बनेगा पटना का मोइन-उल-हक़ स्टेडियम, खूब जगहंसाई के बाद हरक़त में आयी सरकार, मिलेगी ये बड़ी सुविधाएं
PATNA :कशिश न्यूज़ की ख़बर का एकबार फिर बड़ा असर हुआ है। जी हां, राजधानी पटना के मोइन-उल-हक़ स्टेडियम की बदहाली से जुड़ी ख़बरें लगातार दिखाने के बाद अब बिहार सरकार हरक़त में आयी है। हाल ही में बिहार और मुंबई के रणजी मैच के दौरान इस स्टेडियम को लेकर खूब जगहंसाई हुई थी, जिसके बाद बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव एक्शन में आए हैं।
वर्ल्ड क्लास स्टेडियम बनेगा मोइन-उल-हक़ स्टेडियम
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आज पटना के मोइन-उल-हक़ स्टेडियम को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। मीटिंग के बाद उन्होंने स्टेडियम के पुर्नविकास और नवनिर्माण को लेकर बड़ी घोषणा कर दी। अधिकारियों से समीक्षा बैठक के बाद तेजस्वी ने कहा कि मोइन-उल-हक़ स्टेडियम को वर्ल्ड क्लास बनाया जाएगा।
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स समेत होंगी ये सुविधाएं
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बनने वाले वर्ल्ड क्लास इंटरनेशनल स्टेडियम में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, फाइव स्टार होटल, रेस्टोरेंट, बेहतर ड्रेनेज सिस्टम, पार्किंग व्यवस्था, पटना मेट्रो के साथ-साथ अन्य विश्वस्तरीय सुविधाओं की भी व्यवस्था होगी। इसके लिए दो हफ्तों में DPR कार्य पूरा कर आगे की कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए मुंबई और बिहार रणजी मैच के दौरान मोइन-उल-हक़ की बदहाली को देखकर क्रिकेट प्रशंसकों में काफी नाराजगी देखने को मिली थी। मोइन-उल-हक़ स्टेडियम की हालत इतनी खराब थी कि दर्शक दीर्घा में लोग बैठ नहीं सकते थे। और तो और स्कोर बोर्ड टूटा हुआ था। यही नहीं, मैदान में लोगों के कपड़े सूख रहे थे।
वहीं, दर्शक दीर्घा में बैठने की जगह पर कचरा फैला हुआ था। सीटें पूरी तरह से उखड़ चुकी थी। कई जगहों पर खतरे के निशान के बोर्ड लगे हुए थे। ऐसी हालत में यहां रणजी मैच का आयोजन हुआ, जिसकी खूब जगहंसाई हुई।
पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने जतायी थी नाराजगी
मोइन-उल-हक़ स्टेडियम में बदहाल व्यवस्था, बदइंतजामी और बदतर हालात को देखने के बाद पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने भी नाराजगी जाहिर की थी। मुम्बई और बिहार के बीच हुए रणजी ट्रॉफी मुकाबले में मैदान का वीडियो देखने के बाद पूर्व भारतीय गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को जमकर फटकारा था।
वेंकटेश प्रसाद ने ट्वीट करते हुए कहा था कि “यह अस्वीकार्य है। रणजी ट्रॉफी भारत की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता है और अब समय आ गया है कि सभी हितधारक इसके महत्व को समझें। राज्य संघ द्वारा इसमें सुधार नहीं करने का कोई वाजिब कारण नजर नहीं आता है।”
राजनीति ने किया सत्यानाश
आपको बता दें कि मोइन-उल-हक़ स्टेडियम में ही 1996 विश्व कप टूर्नामेंट का जिम्बॉब्वे बनाम केन्या का मैच खेला गया था। इसके साथ ही हीरो कप का भी मैच खेला गया था। स्टेडियम का नाम पहले राजेंद्र नगर स्टेडियम था। 1970 में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव मोइन-उल-हक़ की मृत्यु के बाद इसका नाम बदल दिया गया लेकिन साल 2000 के बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में राजनीति बढ़ी तो स्टेडियम का सत्यानाश हो गया।