महावीर जयंती 2025 : तप, ज्ञान और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संदेश

Edited By:  |
Mahavir Jayanti Mahavir Jayanti

DESK : महावीर जयंती इस वर्ष 10 अप्रैल को मनाई जाएगी, यह दिन भगवान महावीर के जन्मदिन के रूप में विशेष महत्व रखता है। भगवान महावीर का जन्म ईसा पूर्व 599 में हुआ था और वे जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे, महावीर जयंती न केवल भगवान महावीर की उपासना का दिन है बल्कि यह हमें शांति, सरल जीवन और आंतरिक शुद्धता की शिक्षा भी देती है। भगवान महावीर ने सत्य, अहिंसा और ज्ञान के मार्ग पर चलने का उपदेश दिया, 30 वर्ष की आयु में उन्होंने सत्य की खोज में अपना ऐश्वर्यपूर्ण जीवन त्याग दिया और तपस्वी बन गए। 12 वर्षों तक कठोर तपस्या करने के बाद 42 वर्ष की आयु में उन्हें परम ज्ञान की प्राप्ति हुई, इसके बाद उन्होंने अपने जीवन के अगले 30 वर्षों में जैन धर्म के सिद्धांतों का प्रचार किया।

भगवान महावीर के मुख्य प्रवचन:

  1. धर्म – भगवान महावीर के अनुसार, जो व्यक्ति सच्चे धर्म का पालन करता है, उसे देवता भी सम्मानित करते हैं। उन्होंने अहिंसा को सर्वोत्तम धर्म माना है।

  2. सत्य – महावीर जी का मानना था कि सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए और हमेशा सत्य बोलना चाहिए। उन्होंने सत्य को संसार का सबसे शक्तिशाली तत्व बताया।

  3. अहिंसा – अहिंसा भगवान महावीर के प्रमुख सिद्धांतों में से एक था। उन्होंने जीवन के हर पहलू में अहिंसा को अपनाने का संदेश दिया, जिसका अर्थ है किसी भी जीव को क्षति न पहुंचाना।

  4. ब्रह्मचर्य– ब्रह्मचर्य का मतलब है शुद्धता, अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना और योनाचार से बचना। यह नैतिकता और आत्म-संयम का प्रतीक है।

  5. क्षमा – भगवान महावीर ने क्षमा को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना। उन्होंने कहा कि क्षमा से मन को शांति मिलती है और यह पापों से मुक्ति दिलाने में सहायक होती है। क्षमा हमें मोक्ष की दिशा में अग्रसर करती है।

भगवान महावीर ने "अहिंसा परमो धर्म" का संदेश देशभर में फैलाया और सभी को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रवचनों में त्याग, संयम, प्रेम, करुणा और सदाचार का मुख्य सार है जो आज भी हमें जीवन में अनुशासन और शांति की ओर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। महावीर जयंती का यह पर्व हमें उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने और उनके अद्भुत जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करता है।

(रेशमी कुमारी)