महात्मा गांधी के पोते का निधन : दिवंगत अरूण मणिलाल गांधी को CM नीतीश समेत कई गणमान्य ने दी श्रद्धांजलि..

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Mahatma Gandhi's grandson Arun Manilal Gandhi passed away, CM Nitish expressed grief. Mahatma Gandhi's grandson Arun Manilal Gandhi passed away, CM Nitish expressed grief.

Patna:-Bihar के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते अरूण मणिलाल गांधी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है ।


मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि स्व० अरुण मणिलाल गांधी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के द्वितीय सुपुत्र स्व0 मणिलाल गांधी के बेटे थे। उनकी सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में गहरी अभिरूचि थी। उनके द्वारा लिखित पुस्तक 'द गिफ्ट ऑफ एंगर : एंड अदर लेसन्स फ्रॉम माई ग्रैंडफादर महात्मा गांधी काफी प्रसिद्ध है।

अरुण मणिलाल गांधी के निधन से सामाजिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने स्व0 अरूण मणिलाल गांधी के पुत्र तुषार गांधी से दूरभाष पर बातकर उन्हें सान्तवना दी । मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

बताते चलें कि महात्मा गांधी के पोते अरुण मणिलाल गांधी का 89 वर्ष की आयु में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में निधन हो गया। अरुण गांधी के बेटे तुषार गांधी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। बताया गया है कि अरुण गांधी पिछले काफी दिनों से बीमार थे। तुषार गांधी ने बताया कि उनके पिता का अंतिम संस्कार आज ही कोल्हापुर में किया जाएगा।

अरुण मणिलाल गांधी का महात्मा गांधी के दूसरे बेटे मणिलाल गांधी के बेटे हैं। उनका जन्म 14 अप्रैल 1934 को दक्षिण अफ्रीका के डरबन में हुआ था। उनके पिता यहां छपने वाले अखबार इंडियन ओपिनियन के संपादक रहे, जबकि मां इसी अखबार में पब्लिशर रहीं। अरुण गांधी ने बाद में अपने दादा की राह को चुनते हुए सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर कार्यकर्ता के तौर पर काम किया।

अरुण गांधी ने कुछ किताबें भी लिखी हैं। इनमें द गिफ्ट ऑफ एंगर: एंड अदर लेसन्स फ्रॉम माई ग्रैंडफादर महात्मा गांधी प्रमुख हैं। अरुण गांधी 1987 में अपने परिवार के साथ अमेरिका में बस गए थे। यहां उन्होंने अपने जीवन के कई साल टेनेसी राज्य के मेम्फिस में गुजारे। यहां उन्होंने क्रिश्चियन ब्रदर्स यूनिवर्सिटी में अहिंसा से जुड़े एक संस्थान की भी स्थापना की थी।