यादव वोटर्स को लुभाने में जुटी BJP : मध्यप्रदेश के CM मोहन यादव आ रहे हैं पटना, भाजपा ने बनाया ऐसा कार्यक्रम कि विरोधी भी हैं सन्न
PATNA :आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी यादव वोटर्स को लुभाने की कोशिश में जुट गयी है। बीते दिनों गोवर्धन पूजा पर पटना के बापू सभागार में यदुवंशियों की जुटान हुई थी, जहां करीब 21 हजार से अधिक यादव समाज के लोगों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी लिहाजा यदुवंशी समाज के मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने के लिए बीजेपी ने एक और बड़ी चाल चल दी है।
भाजपा के 'मोहन' आ रहे हैं पटना
जी हां, यादव समाज से आने वाले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पटना आ रहे हैं, जहां श्रीकृष्ण चेतना मंच की तरफ से उनका जबरदस्त सम्मान किया जाएगा। 18 जनवरी को मोहन यादव पटना आ रहे हैं। उनके पटना आगमन की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है।
श्रीकृष्ण चेतना मंच द्वारा किया जाएगा सम्मानित
मिल रही जानकारी के मुताबिक पटना एयरपोर्ट पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का जबरदस्त स्वागत किया जाएगा। इसके बाद वे श्रीकृष्ण चेतना मंच के कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां यादव समाज के कई बड़े नेता और रिटायर्ड जज और अधिकारी भी शामिल होंगे। इनमें जस्टिस राजेंद्र प्रसाद (अध्यक्ष), योग गुरु विद्या भूषण सिंह (उपाध्यक्ष), गोरे लाल यादव (महासचिव, रिटायर्ड IAS), प्रो. अनिल यादव PU महासचिव भी शामिल होंगे।
ये है पूरा कार्यक्रम
इसके बाद मोहन यादव बीजेपी दफ्तर जाएंगे, जहां बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी समेत तमाम नेता उनका स्वागत करेंगे। इसके बाद वे इस्कॉन टेंपल भी जाएंगे, जहां वे भगवान कृष्ण का दर्शन करने के साथ ही आशीर्वाद लेंगे।
हालांकि, ये समारोह श्रीकृष्ण चेतना मंच की तरफ से आयोजित किया जा रहा है लेकिन पर्दे के पीछे बीजेपी के नेता शामिल हैं। गौरतलब है कि बीजेपी लालू प्रसाद के वोटबैंक में सेंधमारी के लिए लगातार यदुवंशियों को लुभा रही है। ऐसे में ये देखना काफी दिलचस्प है कि मोहन यादव बिहार में बीजेपी की उम्मीदों पर कितना खरे उतरते हैं।
यादव वोटर्स पर बीजेपी की विशेष नज़र
विदित है कि बिहार की सियासत में यादव वोटर्स का अच्छा-खासा प्रभाव है। इस जाति के वोटर्स पर आरजेडी यानी लालू प्रसाद की जबरदस्त पकड़ है लिहाजा लालू प्रसाद के वोटबैंक में सेंधमारी पर भाजपा की नजर है। हाल ही में बिहार सरकार की जातीय गणना की रिपोर्ट में यादवों की आबादी सबसे अधिक 14.26 फीसदी बतायी गयी है लिहाजा इस समाज के मतदाताओं पर बीजेपी की विशेष नज़र है।