कितनों की जान लेगी शराबबंदी ? : शराब तस्करों के खिलाफ गए थे कार्रवाई करने..वापस लौटा उत्पाद पुलिस का शव...
Desk:-शराबबंदी वाले बिहार में एक तरफ नशे के आदी लोगों की जहरीली शराब से जान जा रही है ..तो दूसरी ओर शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए छापेमारी करने जा रही पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम कभी पीट जा रही है तो कभी उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है.
इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर में उत्पाद विभाग में प्रतिनियुक्त पुलिस जवान दीपक की मौत हो गयी..और ऐसा कहें कि शराब कराबोरियों के साथ लोहा लेते हुए दीपक शहीद हो गये..दीपक की मौत से एक तरफ जहां परिवार के लोगों पर व्रज गिर पड़ा है,वहीं विभाग के अन्य जवान और अधिकारी भी मायूस और गुस्से में हैं.सरकारी सेवक रहने की वजह से वे खुलेआम इस शराबबंदी और इसे लागू करने के तरीके का विरोध नहीं कर पा रहें हैं पर उनके मन में गुस्सा जरूर है.मृतक जवान भागलपुर जिला का रहनेलवाला है,और 21 मई 2022 में ही उत्पाद विभाग में ज्वाईन किया था.
बताते चलें कि दीपक की मौत शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान हुई है.मुजफ्फरपुर में शराब माफिया को पकड़ने के लिए दीपक अपने टीम के साथ मुसहरी थाना क्षेत्र के सनहा बाजार इलाके के दियारा इलाका में गये थे.आधीर रात नदियों के पाट के बीच बीच हो रहे शराब निर्माण करने वाले को उनकी टीम ने पकड़ भी लिया और फिर उन्हें लेकर वापस लौट रहे थे. रास्ते में बूढी गंडक नदी को नाव से पार कर रहे थे.इसी दौरान बीच नदी में ही गिरफ्तार शराब कारोबारी भागने की कोशिश करने लगे तभी जवान दीपक के साथ उनकी हाथापाई हुई...गिरफ्तार शराब कारोबरियों ने दीपक को नदी नें धकेल कर खुद भी कुद गए और तैर कर भाग निकले,पर दीपक तैरने में कामयाब नहीं हो पाए..एक अन्य सहयोगी जवान ने शोर मचाया पर जबतक देर हो चुकी थी और नदी में डूबने की वजह से दीपक की मौत हो गई थी.
दीपक की मौत के बाद छापेमारी करने गी पूरी टीम बदहवास हो गई..पूरे मामले की सूचना वरीय अधिकारियों को दी गई जिसके बाद मौके पर उत्पाद एवं पुलिस के साथ ही अन्य टीम भी पहुंची और दीपक के शव को बाहर निकाला.इस मौत की सूचना के बाद परिवार के लोगों को रो-रोकर बुरा हाल है.वहीं उनकी टीम के सदस्य भी मायूस हैं.
सवाल उठता है कि दीपक के साथी टीम को तैरना नहीं आता था...अगर उन्हें तैरना आता था तो उन्हौने नदी मे कूदकर दीपक को बचाने को कोशिश क्यों नहीं की,क्योंकि शराब कारोबारी तो तैर कर भाग गए और अगर टीम के सदस्यों को तैरना नहीं आता था..तो कैसे इनलोगों को दियारा इलाके मे छापेमारी के लिए भेजा गया था...इसका जवाब संबंधित विभाग के अधिकारियों को देना चाहिए.