38 साल से पुल निर्माण का इंतजार : चचरी पुल के सहारे टिकी जिंदगी
कटिहार-कटिहार जिले के तीन प्रखंडों को जोड़ने वाली सोसाधार पानी की धारा पर पुल निर्माण का इंतजार 38 साल बाद भी यथावत है। पुल निर्माण के इंतजार में लोगों की आंखें पथरा रही है, ग्रामीण चचरी पुल बनाकर किसी तरह सोसाधार को पार कर रहे हैं, दोनों और चिकनी सड़क है, यह चचरी पुल जिले के प्राणपुर अमदाबाद एवं मनिहारी को जोड़ती है तीनों प्रखंड की बड़ी आबादी का इधर से ही आना-जाना करती है।
बताया जाता है कि 1987 के प्रलय कारी बाढ़ में इस पर काठ से निर्मित पुल ध्वस्त हो गया था, तब ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से बास का चचरी पुल बनाया था, अब यह चचरी पुल ही नियति बन गई है, अभी स्थिति यह है कि जर्जर चचरी पुल से आवागमन करने के दौरान कई बार घटनाएं भी घट चुकी है।क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को अपने स्कूल व किसानों को अपने अनाज बाजारों तक पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इसी रास्ते कांवरिया भी सावन के महीने में मनिहारी से जल भरकर गोरखनाथ धाम मंदिर जाते हैं। हजारों की संख्या में कांवरिया इसी रास्ते से होकर जल चढ़ाने को लेकर आजमनगर के गोरखनाथ धाम पहुंचते हैं। पुल नहीं रहने के कारण जर्जर चचरी पुल से होकर कांवरिया को आने-जाने में परेशानी होती है।वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बिहार में पुल पुलिया व सड़कों का जाल बिछाने की बात कह रहे है लेकिन सोसाधार पर जनप्रतिनिधि वह अधिकारियों की निगाह नहीं जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने विभाग अधिकारी से जल्द से जल्द पुल निर्माण की मांग की है।
कटिहार से रितेश रंजनकी रिपोर्ट