लाल आतंक के गढ़ में गरजे डीजीपी : DGP ने बाकी बचे नक्सलियों से कहा, सरेंडर करें या गोली खाने को तैयार रहे
चतरा: सर्च अभियान के दौरान मुठभेड़ में चतरा पुलिस को मिली ऐतिहासिक सफलता की गूंज राज्य पुलिस मुख्यालय तक सुनाई पड़ी. मुठभेड़ में मिली सफलता के बाद राज्य के डीजीपी अजय कुमार सिंह मंगलवार को हवाई मार्ग से चतरा के लावालौंग पहुंचे. लावालौंग पहुंचने पर डीजीपी को सबसे पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जिसके बाद डीजीपी का काफिला लावालौंग सीआरपीएफ कैंप पहुंचा. डीजीपी ने मुठभेड़ में शामिल जवानों का हौसला बढ़ाते हुए उनके बीच इनाम की राशि वितरण की.
इस मौके पर डीजीपी अजय कुमार सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में झारखंड राज्य में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के विरूद्ध रणनीति युक्त लगातार करारा प्रहार किया जा रहा है. शीर्ष उग्रवादियों की धर-पकड़ के लिए झारखंड पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे योजनाबद्ध नक्सल अभियान काफी प्रभावशाली सिद्ध हो रहे हैं. झारखंड के चतरा एवं पलामू के सीमांत इलाके में झारखंड पुलिस की गुप्त सूचना पर भाकपा माओवादी के इस इलाके में सबसे सक्रिय एवं कुख्यात मारक दस्ते पर बड़ी कार्रवाई हुई है. चतरा पुलिस,203 कोबरा टीम तथा सीआरपीएफ 134 बटालियन के जवानों ने पांच शीर्ष नक्सलियों को मार गिराया है.
इस संयुक्त अभियान में नक्सलियों का एक बड़ा कैंप भी ध्वस्त कर दिया गया है. अत्याधुनिक हथियार,गोलियों के जखीरे के साथ अन्य जरूरी समानों की भी बरामदगी हुई है. चतरा-पलामू सीमांत इलाके पर मिली बड़ी सफलता से नक्सलियों की कमर टूट गई है. गौतम पासवान की टीम को माओवादियों के एक सशक्त दस्ते के रूप में जाना जाता था जो लगातार कई वर्षों से पुलिस बल एवं आम लोगों को क्षति पहुंचा रहा था. यह झारखंड पुलिस के लिए बहुत बड़ी सफलता है.
उग्रवाद उन्मूलन में झारखंड पुलिस की चौतरफा कार्रवाई जारी है. झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ कुशल नेतृत्व,रणनीति और दृढ़ संकल्प के साथ नक्सलियों के खात्मे के लिए कटिबद्ध है. डीजीपी का दावा है कि मुठभेड़ के दौरान अन्य कई नक्सली भी पुलिस की गोली से घायल हुए है,जिसकी पड़ताल जारी है. मुठभेड़ के बाद चतरा जिला के पुलिस जावनों के हौसले बुलंद हैं. आगे भी नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलता रहेगा.