क्या 2024 में नीतीश का बेड़ा होगा पार : राष्ट्रीय परिषद की बैठक और खुले अधिवेशन के मंथन से निकलेगा अमृत?
पटना : आज जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक जदयू कार्यालय के कृपुरी सभागार में होने वाली है. उसके बाद पार्टी का खुला अधिवेशन रविवार को श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में होगा. जिसमें 2024 और 2025 के होने वाले चुनाव पर मंथन होगा.
मुज़्ज़फ़्फ़रपुर के कुढ़नी विधानसभा सीट पर भाजपा के हाथों मिली शिकस्त के बाद महागठबंधन और विशेषकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के विश्वास को झटका लगा है. पार्टी और गठबंधन के अंदरखाने एक हड़कंप मचा हुआ है. विपक्ष तो मुख्यमंत्री से 'नैतिकता' के आधार पर इस्तीफे तक की मांग कर रहा है.
कुढ़नी उपचुनाव से पहले सम्पूर्ण विपक्ष को एकसाथ कर भाजपा के सामने एक मज़बूत विकल्प का दावा करने वाले नीतीश कुमार और उनकी पार्टी बहुत हद तक रक्षात्मक स्थिति में नज़र आ रही है. जहाँ विपक्ष से सुशील कुमार मोदी मुख्यमंत्री से इस्तिफे की मांग कर रहे हैं, वहीं अब महागठबंधन के प्रमुख घटक राजद के कुढ़नी से पूर्व विधायक अनिल सहनी ने भी हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए नीतीश से त्यागपत्र मांग लिया है. और तेजस्वी को आगे आ कर सत्ता की कमान संभालने का न्योता दे दिया है.
नीतीश कुमार के नेतृत्व पर उठ रहे सवालों के बीच ललन सिंह का फिर से दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना राजनीतिक रूप से नीतीश, महागठबंधन और उनकी पार्टी के लिए कितना सुकून और राहत पहुंचाने वाला होगा ये तो बाद की बात है.
अगस्त में भाजपा का साथ छोड़ कर आए नीतीश कुमार जहाँ एक तरफ़ विपक्ष की तरफ़ से 2024 में प्रधानमंत्री कैंडिडेट बनने का सपना संजो रहे हैं, वहां दूसरी तरफ़ जहाँ राजद और भाजपा ने नवंबर में हुए उपचुनावों में एक-एक सीट जीत कर अच्छा प्रदर्शन किया था वहीं महागठबंधन की जीती हुई सीट हार कर जदयू को भारी धक्का लगा है.
आज होने वाली जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक और रविवार को होने वाले पार्टी के खुले अधिवेशन में इस बात पर गहन मंथन और समीक्षा होगी की कैसे नकारात्मक बन रही इस स्थिति पर क़ाबू पाया जा सकता है.