कोरोना के तीसरी लहर में घबराएं नहीं ! : डॉक्टरों ने कहा - गले तक ही रहता है संक्रमण

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Korona ke teesli lahar Korona ke teesli lahar

DESK : पूरे देश भर में इन दिनों कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे है । बात बिहार की करे तो यहां भी मामले लगातार बढ़ रहे है । इस तीसरी लहर में मामले तो काफी तेज़ी से बढ़ रहे है लेकिन राहत की बात ये है की होस्पिटलाइजेशन की दर बहुत कम है ।

बढ़ते संक्रमण की दर के बीच सबसे ज़्यादा ज़रूरी है हमारा व्यव्हार जो कोविड गाइड लाइन के अनुरूप है या नहीं क्योंकि सरकार एक तरफ मुक़म्मल व्यवस्था और कड़ाई से गाइड लाईन पालन करवाने की बात कह रही है। वही दूसरी ओर हमारी आपकी भी ज़िम्मेदारी बनती है की सजग और सतर्क रहे डरे नहीं और किसी भी तरीके से पैनिक करे।

अगर हम कोविड के तीसरी लहर में संक्रमण के बाद की लक्षण की बात करे तो ये पहली और दूसरी लहर से अलग और कम है जो राहत की बात है। आइये हम जानते है पहली, दूसरी और तीसरी लहर बीच के अंतर को।

कोरोना के पहली लहर में इसके लक्षण की बात करें तो - गंध और स्वाद गायब,सूखी खांसी होना, छाती में संक्रमण, तेज़ बुखार, बेहद कमज़ोरी,कुछ को सांस की तकलीफ और भर्ती दर उच्च थी।

कोरोना के दूसरी लहर में इसके लक्षण की बात करें तो - गंध और स्वाद गायब,सूखी खांसी होना,छाती में संक्रमण, तेज बुखार, ज़्यादातर को सांस में तकलीफ, और भर्ती दर उच्च थी।

वहीं कोरोना के तीसरी लहर में इसके लक्षण की बातकरें तो -गंध और स्वाद बरक़रार,खांसी और कफ दोनों,छाती में संक्रमण नहीं,मामूली बुखार ,मामूली कमजोरी, नाके बराबर में सांस की तकलीफ औरभर्ती दर बेहद निम्न हैं।

इसके अलावा डॉक्टरों की भी माने तो इस बार के संक्रमण में अच्छी बात ये है की ज़्यादा परेशानी नहीं हो रही है लेकिन इस के साथ ही हमे और भी सतर्क रहने की ज़रुरत है ताकि जल्द से संक्रमण की दर काम हो जाए। इस बार जिस तरह से प्रसार बढ़ रहा है सरकार भी अलग अलग तरीके अपना रही है ताकि संक्रमण किसी भी तरह कम हो।

इसी कड़ी में अब आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जनप्रतिनिधियों एनसीसी और जीविका दीदियो को 12 जनवरी से ऑनलाइन प्रशिक्षण देगा ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में ये लोग जागरूकता फैला सकें। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि तीसरी लहर के बढ़ते रफ़्तार पर लगाम लगाने के लिए सरकारी कवायद के साथ साथ आम लोगों को भी डरने के बजाये सतर्क और जागरूक होना पड़ेगा।