बोलबम के नारों से गूंज रहा कांवरिया पथ : बच्चा, युवक औऱ वृद्ध बम की संख्या ज्यादा,कोई 2 साल से तो कोई 50 साल से कर रहा कांवर यात्रा
देवघर : कहते हैं पूजा-अर्चना की कोई उम्र नहीं होती है. यही कारण है कि सावन माह में देवघर आने वाले श्रद्धालूओं में बड़ी संख्या में बच्चा और बुजूर्ग श्रद्धालु भी बाबा का जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं. 5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे पिछले 2 बार से तो 76 साल के वृद्ध पिछले 50 सालों से लगातार बाबा का जलार्पण कर अपनी मनोकामना पा रहे हैं.
कांवरिया पथ पर युवाओं के साथ कदमताल मिलाने में बुजुर्ग पीछे नहीं
सावन माह जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे देवघर के कांवरिया पथ पर कांवरियों का जनसैलाव उमड़ रहा है।प्रतिदिन लाखों की संख्या में कई वर्गो में बाबाधाम पहुंचने वालो श्रद्धालूओं में बड़ी संख्या में वृद्ध श्रद्धालु भी पिछले 40 से 50 सालों से लगातार बाबा का जलार्पण कर अपनी मनोकामना पा रहे है।देवघर स्थित बैद्यनाथधाम को कामनालिंग भी कहा जाता है। यही कारण है कि श्रावण माह में यहा लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा का जलार्पण कर अपनी मनोकामना मांगते है।कांवरिया पथ का नजारा देख कर आप भी अंदाजा लगा सकते है कि युवा पीढ़ी से ज्यादा ऊर्जावान वृद्ध दिखाई दे रहे है।बाबा की महिमा ही है कि 76 साल से ज्यादा उम्र होने के बाबजूद इनकी भक्ति और शक्ति में कोई कमी नही दिख रही है।ये बृद्ध पिछले 50 साल से कांवर यात्रा कर रहे हैं।वही कई ऐसे भी है जो पिछले 20,30,40 साल से कांवर यात्रा कर बाबा बैद्यनाथ का आशीर्वाद ले रहे है।
इस बार बच्चा बम की भी संख्या अधिक
वृद्ध श्रद्धालुओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में छोटे छोटे बच्चे भी अपने अभिभावक के साथ लगातार बाबाधाम पहुंच कर बाबा से मनोकामना मांग रहे है।इनमें से अधिकांश बच्चे भक्तिमय वातावरण में श्रद्धा के साथ नाचते गाते और बोल बम का नारा लगाते हुए बाबाधाम आ रहे है। भक्ति भाव से की गई पूजा अवश्य सफल होती यही कारन है कि अपने जीवन के 65 से 76 बसंत से ज्यादा देख चुके वृद्ध और 5 से 12 साल का बच्चा श्रद्धालु बाबा पर अटूट विश्वास रखते हुए सुल्तानगंज से गंगा का जल लेकर 105 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा कर कामनालिंग पर जलार्पण कर अपनी मनोकामना की झोली भर कर जाते हैं।