विधायक जनार्दन पासवान का हेमंत सरकार पर तीखा हमला : कहा-सरकारी कार्य अब सेवा नहीं, बल्कि पैसा कमाने का बन चुका जरिया
चतरा:लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चतरा से विधायक जनार्दन पासवान ने प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने सरकार और सिस्टम से जुड़े अधिकारियों पर बेलगाम होकर जनता का शोषण करने का गंभीर आरोप लगाते हुए सरकारी व्यवस्था और सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं.
विधायक ने कहा कि संविधान और लोकतंत्र की मूल भावना यह कहती है कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी जनता के सेवक हैं. लेकिन चतरा जिले में हकीकत अक्सर इसके ठीक उलट दिखाई दे रही है. यहां बेलगाम अधिकारी व कर्मी आम जनता से इस अंदाज में पेश आते हैं मानो वे सेवक नहीं बल्कि‘क्रूर शासक’हों. यहाँ अधिकारियों के लिए नियम-कानून ताक पर रखना,काम के प्रति मनमाना रवैया आम बातऔर भ्रष्टाचार घोटाले उनकी दिनचर्या बन गए हैं.
लोजपा(रा) विधायक जनार्दन पासवान ने आरोप लगाया है कि जनता को दफ्तर-दर-दफ्तर भटकाया जा रहा है. यहाँ सरकारी कार्य अब सेवा नहीं,बल्कि अधिकारियों द्वारा पैसा कमाने का एकमात्र जरिया बना लिया गया है. विधायक ने कहा कि टैक्स के रूप में अपनी मेहनत की कमाई देने वाली जनता को अपने ही कामों के लिए महीनों तक फाइलों में दबा दिया जाता है. छोटे-छोटे काम के लिए ग्रामीणों को अपमानित किया जाता है. अधिकारी पद का ऐसा रौब झाड़ते हैं कि लोग अपनी समस्याएं बताने तक से डरते हैं. वहीं आवास योजना,सिंचाई योजना आदि जैसे सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजनाओं को अयोग्य लाभुकों को लाभ दिया गया है. अंचल कार्यालयों में मोटेशन,रशीद निर्गत,रजिस्टर टू छेड़छाड़ कर भू-माफियाओं के नाम कर दिया गया.
चतरा विधानसभा के विधायक जनार्दन पासवान ने कहा है कि आज बालू एक गोरख धंधा बनकर रह गया है. विकास कार्यों में भी सरकारी चालान पर बालू ढोने वाले ट्रैक्टरों से अवैध वसूली जारी है. उन्होंने प्रतापपुर अंचलाधिकारी पर खाली ट्रैक्टर को पकड़ अवैध बालू तस्करी का झूठा आरोप लगाकर 70 हजार रूपये लेकर छोड़ने का गंभीर आरोप लगाया है. मामले की शिकायत पर जनार्दन पासवान ने मौके से ही प्रतापपुर सीओ को फोन कर पकड़े गए खाली गाड़ी को अविलंब छोड़ने का निर्देश भी दिया और जमकर फटकार लगाया. उन्होंने कहा कि जवाबदेही की कमी,शिकायतों का समय पर समाधान नहीं. पद का घमंड,अधिकारी जनता के ऊपर होने का संकेत देते हैं. जनता का भय,ग्रामीण अधिकारी के खिलाफ शिकायत करने से डरते हैं. व्यवस्था की कमजोरी,निरीक्षण और पारदर्शिता का अभाव. लोग चाहते हैं कि अधिकारी संवेदनशील और जवाबदेह बनें. विधायक ने कहा है कि अधिकारियों को यह समझना होगा कि उनकी कुर्सी जिम्मेदारी का प्रतीक है,ताकत का नहीं. यदि जिला प्रशासन इन रवैयों को नियंत्रित नहीं करता है तो जनता का भरोसा प्रशासन से उठना तय है. सरकार भी चतरा के बेलगाम अधिकारियों पर लगाम लगाने में असमर्थ नजर आ रही है.
चतरा से संजय कुमार की रिपोर्ट—