JPSC मतलब विवादों की ‘परीक्षा’ : 20 साल में सिविल सेवा की 7 परीक्षाएं हुईं और सभी परीक्षा विवादों में रही

Edited By:  |
Reported By:
JPSC-CIVIL-SERVICE-EXAM-CONTROVERSY-RESULT-STUDENT-PROTEST-LATHICHARGE JPSC-CIVIL-SERVICE-EXAM-CONTROVERSY-RESULT-STUDENT-PROTEST-LATHICHARGE

झारखंड में वर्तमान में बेरोजगारी दर 18.1 है, जो कि देश भर के सिर्फ दो राज्यों राजस्थान, हरियाणा से बेहतर है। बाकी सभी राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा बेरोजगारी झारखंड में है। सोचिए जिस राज्य में बेरोजगारों की इतनी बड़ी फौज हो, उस राज्य में रोजगार के लिए लाठियों की मार झेलनी पड़ती है। एक कहावत है पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, लेकिन झारखंड में पढ़ोगे लिखोगे से सिर्फ काम नहीं चलता है। पढ़ोगे लिखोगे के साथ-साथ लाठी खाओगे भी जोड़ना पड़ेगा, तभी नवाब बनने के चांस है। राज्य गठन के बाद से 20 साल में जेपीएससी ने 7 परीक्षा ली और हर परीक्षा के बाद धांधली के आरोप लगे, बवाल हुआ और छात्रों को सड़कों पर उतरना पड़ा। इस बार भी वही हो रहा है।

रांची में JPSC अभ्यर्थियों पर लाठी बरसाती पुलिस

ऊपर की इस तस्वीर को देखकर आप यही कहेंगे कि छात्रों पर पुलिस की लाठियां बरस रही हैं। लेकिन इसे लाठीचार्ज मत कहिए, ये तो लाठी की परीक्षा है, जो जेपीएससी की परीक्षा देने वाले हर छात्र-छात्राओं को देना अनिवार्य है। चाहे आप लाख किताबों को पढ़कर परीक्षा दी हो, जब तक जेपीएससी की परीक्षा देने वालों के शरीर पर लाठियां नहीं बरसती है, तब तक झारखंड में अधिकारी बनने के योग्य नहीं माने जाएंगे। सिर्फ पढ़ाई देकर परीक्षा देने से आप योग्य नहीं माने जाएंगे, जब तक आपको रिजल्ट निकलने के बाद मोर्चा निकालने के लिए सड़कों पर उतरने का हुनर नहीं आता हो। बस यूं समझ लीजिए कि छात्रों के ये जेपीएससी का हिडेन टर्म्स एंड कंडीशन है।

2021 में पांच साल बाद जेपीएससी की नींद खुलती है और थोक भाव में 2017, 18, 19 और 20 के लिए सातवीं, आठवीं, नौवीं और दसवीं सिविल सेवा परीक्षा ली गई। 252 पदों के लिए पीटी परीक्षा ली गई। लेकिन बिना बवाल के परीक्षा हो जाए, तो जेपीएससी का रिकार्ड टूट जाएगा। सो पीटी परीक्षा का रिजल्ट पर बवाल मचा है। क्रमवार रौल नंबर वाले 33 अभ्यर्थियों को सफल करने का आरोप है। साथ ही रिमोट एरिया और होम टाउन में सेंटर देने का आरोप है।

इन्हीं आरोपों को लेकर मंगलवार को छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर जेपीएससी कार्यालय का घेराव करने निकल रहे थे। लेकिन मोरहाबादी के पास उन्हें रोक लिया गया...इसी दौरान जेपीएससी छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, उसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान जेपीएससी के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने खूब लाठियां बरसाई। लाठियों की आवाज़ से जेपीएससी चेयरमैन अमिताभ चौधरी थोड़े पिघले और छात्रों से बात की और चार दिनों में रिजल्ट में गड़बड़ी दूर करने का भरोसा दिया।

विवादों से जेपीएससी का पुराना नाता रहा है

वैसे पहली बार नहीं है, जब जेपीएससी की परीक्षा विवादों में आई, धांधली के आरोप लगे और छात्रों को लाठियां खानी पड़ी हो। 20 साल में जेपीएससी ने 1292 पदों के लिए सात परीक्षाएं लीं। छह परीक्षा में करीब 54 मामले कोर्ट में चल रहे हैं। कुछ मामले हाईकोर्ट में चल रहे है तो कुछ की जांच सीबीआई कर रहा है। तत्कालीन अध्यक्ष और सदस्य के अलावा सचिव के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। जांच में जेपीएससी की कई परीक्षाओं में भारी गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है। लेक्चरर नियुक्ति गड़बडी मामले में सीबीआई चार्जशीट भी दाखिल कर चुका है। इससे पहले वनरक्षी बहाली में भी आयोग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। नीचे से ऊपर तक के लोगों पर कार्रवाई हो चुकी है। जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद तक को जेल जाना पड़ा है।

सिलसिलेवार तरीके से जानिए कैसे जेपीएससी की हर परीक्षा विवादों के कारण सुर्खियों में रही है।

पहली सिविल सर्विस परीक्षा

साल2003 में64 पदों के लिए परीक्षा ली गई

सभी नियुक्ति में भ्रष्टाचार के आरोप लगे

ऐसे लोग भी अधिकारी बन गए जिनके आंसरशीट की जांच नहीं हुई थी

आंसरशीट में परीक्षक के हस्ताक्षर का न होना, ओवर राइटिंग की बात सामने आई

इसकी जांच गुजरात स्थित एफएसएल टीम से कराई गई

दूसरी सिविल सर्विस एग्जाम

2005 में सेकेंड सिविल सर्विस परीक्षा ली गई

172 पदों के लिए नियुक्ति का विज्ञापन निकाला गया

165 लोगों के सेलेक्शन पर फर्जीवाड़े का गंभीर आरोप लगा

सभी को बर्खास्त करने की अनुशंसा भी की गई

तीसरी सिविल सर्विस एग्जाम

तीसरी सिविल सेवा परीक्षा में भी अनियमितता बरती गयी

नियुक्तियों में आरोप भी लगे

हालांकि किसी जांच के दायरे में परीक्षा नहीं लाई गई

चौथी सिविल सर्विस परीक्षा

चौथी जेपीएससी की प्रारम्भिक परीक्षा में क्वेश्चन को लेकर सवाल उठे

आयोग के मॉडल उत्तर में भी कई खामियां रहीं

एग्जामिनेशन कंट्रोलर ने पीटी परीक्षा रद्द करने की अनुशंसा की

अभ्यर्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

पांचवी सिविल सर्विस परीक्षा

पांचवीं जेपीएससी में आरक्षण के मुद्दे पर आयोग पर सवाल उठे

आयोग ने बिना सरकार से अनुमति लिए पीटी में आरक्षण खत्म कर दिया था

छठी सिविल सर्विस परीक्षा

छठी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा भी विवादों के घेरे में रही

परीक्षा परिणाम तीन बार संशोधित करके जारी किया गया

सातवीं से दसवीं सिविल सर्विस एग्जाम

2021 में चार जेपीएससी सिविल सेवा की पीटी एक साथ ली गई

परीक्षा परिणाम आने के बाद फिर रिजल्ट में धांधली के आरोप लगे

एक ही सीरियल नंबर से 33 छात्रों को पास करने पर सवाल उठे

सीसीटीवी कैमरा के बिना और और होम टाउन में सेंटर देने के आरोप

परीक्षा रद्द करने को लेकर छात्र कर रहे हैं आंदोलन

यानी सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, जेपीएससी का रिश्ता धांधली और विवादों से नहीं टूटा है। हालत ये हो गई कि अब जेपीएससी मतलब विवादों की परीक्षा कही जाने लगी है।



Copy