CM नीतीश की बड़ी घोषणाओं से गरमाया सियासी तापमान : मुख्यमंत्री ने खेल दिया मास्टरस्ट्रोक, हर मोर्चे पर लिए कई बड़े फैसले
पटना: चुनावी बिगुल बजने से पहले ही बिहार का राजनैतिक माहौल गरमाया हुआ है.इसके केन्द्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. दरअसलएकतरफ जहां हर दल अपनी रणनीति बनाने में जुटा है,वहीं मुख्यमंत्री चौबीस घंटे जनता के प्रति समर्पित होकर विकासात्मक योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में जुटे रहते हैं. पिछले कुछ महीनों के दौरान कई जनहितकारी फैसलों और परियोजनाओं के शुभारंभ की झड़ी लगाते हुए राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है.
सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि में इजाफा
बिहार की जनता और जनहित के कार्यों को राजनीति से परे सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाले मुख्यमंत्री कुमार का एक ही मंत्र है,चुनाव आए या जाए,लेकिन जनहित के कार्य रूकने नहीं चाहिए. इसी कड़ी में हाल के दिनों में उन्होंने लोकहित से जुड़ी कई बड़ी घोषणाएं कर जनता के बीच अलग तरह की लोकप्रियता हासिल कर ली है. दूसरी तरफ इससे विरोधी दलों की बेचैनी बढ़ गई है. बीते दिनों बिहार सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि में ढाई गुणा से ज्यादा का इजाफा कर दिया. यह विरोधियों के खिलाफ जबरदस्त मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ है. इस योजना के अंतर्गत वृद्धजन,दिव्यांगजन और विधवा महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की है. अब इन्हें हर महीने 400 रुपये की जगह 1100 रुपये पेंशन मिलेगी. सभी लाभार्थियों को जुलाई महीने से ही बढ़ी हुई दर पर पेंशन मिलेगी. मुख्यमंत्री के इस बड़े फैसले से 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लाभार्थियों को मदद मिलेगी.
बढ़ गया पंचायती राज जनप्रतिनिधियों का अधिकार
हाल के दिनों में मुख्यमंत्री ने पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों को अधिक सशक्त बनाने के लिए उन्हें कई खास अधिकार एवं सुविधाएं प्रदान कर दी है. पंचायती राज व्यवस्था से जुड़ी 6 बड़ी घोषणाएं की. मुखिया की वित्तीय शक्ति में इजाफा किया,ताकि वे अपने क्षेत्र के विकास कार्यों को अधिक बेहतर ढंग से कर पाएं. ग्राम पंचायतों के मुखिया को मनरेगा योजना में अब तक 5 लाख रुपये तक की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति की शक्ति प्राप्त थी. इस सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक करने का आदेश दिया गया. इसके अलावा पंचायती राज में सभी स्तर के प्रतिनिधियों के मासिक भत्ता को डेढ़ गुणा बढ़ाकर कर दिया गया है.
अब त्रिस्तरीय पंचायती राज जनप्रतिनिधि‘मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष’के जरिए इलाज करवा सकेंगे. ये लोग इस योजना के अंतर्गत 16 तरह के इलाज करा सकेंगे,जिसके लिए सरकार अलग-अलग राशि प्रदान करेगी.
प्रत्येक पंचायत में बनेंगे विवाह मंडप
पंचायत स्तर पर गरीबों को अपनी बेटी की शादी करने में बड़ी समस्या आती है. इसके मद्देनजर प्रत्येक पंचायत में विवाह मंडप का निर्माण कराने की कार्ययोजना को मंजूरी दी गई है. पंचायत के स्तर पर इसका निर्माण कराया जाएगा. प्रत्येक मंडप के लिए 50 लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई है. इसके लिए 40 अरब 26 करोड़ 50 लाख रुपये की स्वीकृति दी गयी है.
नीतीश सरकार ने खोला खजाना
जीविका परियोजना के तहत 1 करोड़ 35 लाख महिला सदस्य वाले साढ़े 10 लाख स्वयं सहायता समूहों के बैंक से लोन लेने की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है. अब इन्हें ये रकम 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध होगा. अब ब्याज दर घटने के बाद बैंकों को ब्याज के रूप में दी जाने वाली अतिरिक्त राशि सरकार की ओर से दी जाएगी. इसके साथ ही जीविका से जुड़े सभी कर्मियों का मानदेय दोगुना कर दिया गया है. इन कर्मचारियों के मानदेय वृद्धि की अतिरिक्त राशि राज्य सरकार वहन करेगी.
20 रुपये में मिलेगा भरपेट भोजन
इसके साथ ही‘दीदी की रसोई’योजना को व्यापक रूप देने का निर्णय लिया गया है. अब‘दीदी की रसोई’जिला मुख्यालयों,अनुमंडल,प्रखंड और अंचल कार्यालय परिसरों में खुलेगी. इसके साथ ही सभी मेडिकल कॉलेज में 20 रुपये भरपेट भोजन उपलब्ध होगा.
*पुनौराधाम का होगा समग्र विकास
मुख्यमंत्री की निगाहें विकास की कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थलों को विकसित करने पर भी है. इसके तहत माता जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी स्थित पुनौराधाम के समग्र विकास के लिए 882 करोड़ 87 लाख रुपये की मंजूरी कैबिनेट ने दी है. इसे अयोध्या के भव्य राम मंदिर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अगस्त महीने तक शिलान्यास का निर्देश दिया है. इस धार्मिक स्थल के विकसित होने से बिहार में पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.