JHARKHAND NEWS : पूर्व CM चंपाई सोरेन ने अपने पैतृक गांव जिलिंगगोड़ा में बाहा पर्व में हुए शामिल, की पूजा अर्चना
जमशेदपुर : प्रकृति पूजक संथाल आदिवासी खेरवाड़ समुदाय के प्रमुख त्योहारों में एक बाहा पर्व की बुधवार को शुरुआत हो गयी है. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बुधवार को अपने पैतृक गांव जिलिंगगोड़ा स्थित पारंपरिक जाहेरगढ़ में बाहा बोंगा की पूजा अर्चना की और राज्य के सुख समृद्धि की कामना की.
बता दें कि प्रकृति पूजक संथाल आदिवासी खेरवाड़ समुदाय के प्रमुख त्योहारों में एक बाहा पर्व की आज से शुरुआत हो गयी है. पांच दिनों तक चलने वाले इस पर्व को लेकर राज्य के सभी खेरवाड़ जाहेरगढ़ में विधि - विधान से बाहा बोंगा की पूजा अर्चना की गयी. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने अपने पैतृक गांव जिलिंगगोड़ा स्थित पारंपरिक जाहेरगढ़ में बाहा बोंगा की पूजा अर्चना की और राज्य के सुख समृद्धि की कामना की. पर्व को लेकर जिलिंगोड़ा जाहेरगढ़ को दुल्हन की तरह सजाया गया है . वहीं इस पर्व में प्राकृतिक संसाधनों की पूजा अर्चना की जाती है और परिवार के सुख समृद्धि की कामना की जाती है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को बाहा पर्व की शुभकामनाएं दी.
मीडिया से बातचीत के क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने एक बार फिर से रूढ़िवादी परंपरा के संरक्षण और संवर्धन की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा आज साजिश के तौर पर राज्य में आदिवासियों के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.उन्होंने कहा आज हमने अपने मारांग बुरु से राज्य में हो रहे घुसपैठ और रूढ़िवादी परंपरा को कायम रखने का आशीर्वाद मांगा है. आगामी23मार्च से राज्य के आदिवासियों के साथ नए आंदोलन की शुरुआत की जाएगी ताकि राज्य में हो रहे घुसपैठ और यहां के रूढ़िवादी परंपराओं के साथ हो रहे छेड़छाड़ पर अंकुश लगे. उन्होंने एक बार फिर से राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों और रूढ़िवादी परंपरा के संरक्षण में पूरी तरह से नाकाम रही है.
जमशेदपुर से विनोद केशरी की रिपोर्ट--