JHARKHAND NEWS : चतरा में झोलाछाप क्लिनिक सील करने पहुंचे एसडीओ को ग्रामीणों ने घेरा, सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाया सवाल ?

Edited By:  |
jharkhand news jharkhand news

चतरा : जिले के वशिष्ठनगर जोरी थाना क्षेत्र अंतर्गत दंतार गांव में एक फर्जी नर्सिंग होम को सील करने पहुंचे सदर एसडीओ जहुर आलम को आक्रोशित ग्रामीणों ने घेर कर जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की. इससे मौके पर तनावपूर्ण स्थिति बन गई. इसके बाद हंटरगंज और जोरी थाना प्रभारियों के हस्तक्षेप से यह मामला शांत हुआ.

दरअसल एसडीओ गुप्त सूचना पर अकेले ही क्लिनिक को सील करने पहुंचे थे, जिससे ग्रामीणों में रोष फैल गया. घटना तब घटी जब एसडीओ जहुर आलम डॉ. चंदन नामक झोलाछाप प्रैक्टिशनर के क्लिनिक को सील करने पहुंचे. ग्रामीणों ने क्लिनिक को घेर लिया और एसडीओ से सवालों की बौछार कर दी. एक ग्रामीणों ने कहा,आखिर स्थानीय प्रशासन और टीम को साथ लिए बगैर एसडीओ अकेले ही निजी क्लिनिकों पर छापा क्यों मार रहे हैं ? यह सब जांच के नाम पर वसूली का धंधा लगता है.

ग्रामीणों का आरोप है कि जिले में ग्रामीण चिकित्सकों से प्रतिदिन लाखों की अवैध वसूली हो रही है. उन्होंने कहा,पहले ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों को दुरुस्त कीजिए,फिर झोलाछापों पर कार्रवाई कीजिए. दंतार गांव नदियों और जंगलों से घिरा सुदूरवर्ती इलाका है,जहां सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था लगभग शून्य है.

ग्रामीणों के अनुसार,ऐसे ग्रामीण चिकित्सक असहाय लोगों के लिए वरदान साबित होते हैं. आपातकालीन स्थिति में ये ही डॉक्टर जान बचाते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं पहुंचते,दवाइयां उपलब्ध नहीं. यहां डॉ. चंदन के अलावा कोई चिकित्सक नहीं हैं. क्लिनिक सील करने से हमारी मुश्किलें बढ़ जाएगी.

ग्रामीणों ने क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत प्रमाण पत्र जारी करने में स्वास्थ्य विभाग से पारदर्शिता बरतने की अपील की. उनका आरोप है कि लाइसेंस के नाम पर पैसे का खेल चल रहा है. अधिकारियों के नाम पर कर्मी वसूली कर रहे हैं. पहले सर्टिफिकेट दिया जाता है,फिर त्रुटियां निकालकर सील किया जाता है और कुछ दिनों बाद खोल दिया जाता है. जनता सब समझ चुकी है,यह धंधा बन गया है. इधर मामले को लेकर एसडीओ जहुर आलम ने कहा कि गुप्त सूचना पर दंतार पहुंचे थे. कार्रवाई निश्चित रूप से होगी. हालांकि,ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि पहले गांव में चिकित्सा व्यवस्था बहाल की जाए,उसके बाद ही ऐसे निर्णय लिए जाएं. इस घटना ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर सवाल खड़ेकरदिएहैं.

चतरा से संजय कुमार की रिपोर्ट---