JHARKHAND NEWS : चतरा में सोलर स्ट्रीट लाइट अधिष्ठापन मामले में धांधली के आरोपों को जिला प्रशासन ने बताया निराधार
चतरा : जिले में लंबे समय से चल रहे सोलर स्ट्रीट लाइट खरीद और अधिष्ठापन विवाद मामले नें नया मोड़ ले लिया है. जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) मद से नगर परिषद द्वारा शहर की गलियों को रोशन करने के उद्देश्य से खरीदे गए 478 सोलर स्ट्रीट लाइट अधिष्ठापन मामले में धांधली के आरोपों को जिला प्रशासन ने निराधार बताया है. इस बाबत जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार प्रसारित किये जा रहे 15 हजार के सोलर स्ट्रीट लाइट का 72 हजार में खरीद की खबरों का खंडन किया है.
जिला प्रशासन ने राज्य सरकार की नगर विकास विभाग और आवास विभाग के अलावा सोलर एनर्जी की निबंधित एजेंसी जरेडा के तकनीकी स्वीकृति पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि डीएमएफटी मद से सोलर स्ट्रीट लाइट खरीद में पूरी तरह पारदर्शिता बरती गई है. इतना ही नहीं स्ट्रीट लाइट खरीद मामले में गड़बड़ी की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त रमेश घोलप ने जिला प्रशासन की विशेष कमेटी से जांच भी कराया है. जांच में भी कमेटी ने आरोपी को निराधार बताते हुए कार्य एजेंसी को क्लीन चिट दिया था.
अपर समाहर्ता ने कहा है कि डीएमएफटी मद से लगाए जा रहे सोलर स्ट्रीट लाइट की कीमत और गुणवत्ता को लेकर बेबुनियाद और तथ्यहीन खबरें लगातार विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित कर जिला प्रशासन की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. जबकि स्थिति बिल्कुल इससे परे है.
गौरतलब है कि जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रबंधकीय समिति की बैठक में सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के आधार पर नगर परिषद चतरा द्वारा शहर को रोशन करने के उद्येश्य से कुल 478 सोलर स्ट्रीट लाइट अधिष्ठापन करने को लेकर 03 करोड़ 82 लाख 8 हजार 300 रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई थी. इसके बाद नगर विकास विभाग रांची के मुख्य अभियंता से तकनीकी स्वीकृति लेकर नगर विकास विभाग के जेम्स पोर्टल के माध्यम से निविदा के बाद कार्यकारी एजेंसी नगर परिषद द्वारा नगर परिषद क्षेत्र में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाया गया है. इस बाबत नगर परिषद को निविदा की तकनीकी स्वीकृति प्रति सोलर स्ट्रीट लाइट 72 हजार 161 रुपये प्राप्त है. इसके एवज में 72 हजार 150 रूपये के दर पर इकरारनामा एजेंसी के साथ किया गया है.
जांच टीम का नेतृत्व कर रहे अपर समाहर्ता के अनुसार जरेडा द्वारा 30w सोलर लाईट के ही दर का निर्धारण लगभग 47 हजार 500 रूपये निर्धारित किया है. इसमें 30w एलइडी बल्ब के अलावे टीवी माड्यूल 15wp, 12.8v की बैट्री और 60ah का ही दर निर्धारित है जबकि इसके अलावे नगर परिषद के टेंडर में 07 मीटर का पोल, सिंगल आर्म 01 मीटर, पोल पर जंगरोधक लगाया जाना समेत पांच वर्षो तक रख-रखाव की जिम्मेवारी भी सौंपी गई है. जिसके लिए कार्य एजेंसी का 10% सुरक्षित जमा राशि की भी कटौती कर जमा रखा गया है. ऐसे में लाईट व सभी उपकरणों को मिला दिया जाए तो जरेडा के मापदंडों के अनुसार सभी सामान का कीमत 60 हजार 548 रूपये के आसपास आता है. जिसमें 18% जीएसटी यानि की 10 हजार 898 रुपये और 01% लेबर कॉस्ट यानि की 714 रुपया होता है. इन सभी को मिलाने पर 72 हजार 161 रूपये होते है. जरेडा के मापदंडों के अनुरूप ही ये राशि तकनीकी रूप से स्वीकृत है. जिसके आधार पर नगर परिषद नें सोलर स्ट्रीट लाईट अधिष्ठापित कराया है.
गौरतलब है कि शहर में लगाए गए सोलर स्ट्रीट लाइट में कार्य एजेंसी द्वारा गड़बड़ी की शिकायत को लेकर लगातार खबरें प्रचारित और प्रसारित हो रही थी. आरोप लगाए जा रहे थे कि 30W के एलईडी बल्ब का टेंडर कराकर महज 10W के बल्ब लगाए जा रहे हैं. उसमें भी गुणवत्ता का तनिक भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है. मिल रही शिकायत और मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसी के द्वारा अपर समाहर्ता अरविंद कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर जांच का जिम्मा सौंपा गया था. इस कमेटी में अपर समाहर्ता के अलावे बिजली आपूर्ति प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता और नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को शामिल किया गया था. जांच कमेटी के द्वारा जांच के बाद आरोपों को निराधार बताते हुए कार्य एजेंसी को क्लीन चिट देते हुए सोलर स्ट्रीट लाइट अधिष्ठापन कार्य जारी रखने का निर्देश दिया था. कमेटी द्वारा जांच के दौरान पाया गया था कि इकरारनामा के अनुरूप सोलर स्ट्रीट लाइट में बल्ब और अन्य उपकरण लगाए जा रहे हैं. वर्तमान में सभी सोलर स्ट्रीट लाइट जल रहे हैं.
चतरा से कुमार चंदन की रिपोर्ट--