JHARKHAND NEWS : शहीद पांडेय गणपत राय की 216वीं जयंती पर भव्य विकास मेला, कृषि मंत्री ने की प्रमुख घोषणाएं

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LOHARDAGA : भंडरा प्रखंड के भौरों गांव में 17 जनवरी 2025 को शहीद पांडेय गणपत राय की 216वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर एक भव्य विकास मेला का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य की कृषि मंत्री, नेहा शिल्पी तिर्की मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। शहीद पांडेय गणपत राय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई, और उनके बलिदान को याद किया गया।

पांडेय गणपत राय का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अत्यंत महत्वपूर्ण था। वह 1857 के भारतीय विद्रोह के सशक्त नायक थे, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाई और स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जन्म 17 जनवरी 1809 को लोहरदगा के भौरों गांव में हुआ था। पांडेय गणपत राय ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपनी जान न्योछावर कर दी। 21 अप्रैल 1858 को रांची के शहीद चौक पर कदंब के पेड़ से लटकाकर उन्हें फांसी दे दी गई थी। इस अवसर पर जिला उपायुक्त डॉ. वाघमारे प्रसाद कृष्ण, पुलिस अधीक्षक हारिस बिन जमां समेत जिले के कई प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे। विकास मेला में जिले के विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाए गए, जहां ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी विकास योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही महिला मंडल समूहों को उनके बेहतर कार्य के लिए सम्मानित और प्रोत्साहित भी किया गया।

कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री नेहा शिल्पी तिर्की ने कहा कि शहीद पांडेय गणपत राय के गांव को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके तहत किसानों को कृषि विभाग से मिलने वाली सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि "झारखंड में भाजपा को जनता ने नकार दिया है। भाजपा का भविष्य झारखंड में अब समाप्त हो चुका है, और रघुवर दास के पुनः आगमन से पार्टी का प्रदेश में भला नहीं होने वाला है।" उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार झारखंड का बकाया राशि नहीं दे रही है, लेकिन राज्य सरकार अपने कार्यक्रमों के तहत जनता के कल्याण के लिए काम करती रहेगी। यह समारोह केवल पांडेय गणपत राय की शहादत को याद करने का अवसर नहीं था, बल्कि यह राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का भी प्रतीक था। शहीदों के बलिदान को सम्मानित करते हुए, विकास मेला के माध्यम से ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं के लाभ से जोड़ने का कार्य किया गया।