जयराम रमेश को लगा बड़ा झटका : EC ने और मोहलत देने से किया इनकार, कहा : शाम 7 बजे तक पेश करें सबूत, नहीं तो.....

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Jairam Ramesh got a big blow from EC Jairam Ramesh got a big blow from EC

NEWS DESK : इलेक्शन कमीशन ने काउंटिंग से पहले देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा 150 कलेक्टर्स को फोन कर प्रभावित करने की कोशिश किए जाने संबंधी सनसनीखेज दावे को साबित करने के लिए कांग्रेस के जयराम रमेश को हफ्तेभर का एक्स्ट्रा टाइम देने से इनकार कर दिया है।

सख्त हुआ चुनाव आयोग

कांग्रेस नेता जयराम रमेश के रिक्वेस्ट को इलेक्शन कमीशन ने सिरे से ठुकरा दिया है और कहा है कि आज शाम 7 बजे तक ही वे आरोपों के सबूत पेश करें। गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया था कि अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त होने के बाद देश भर के 150 जिलाधिकारियों को फोन किया था।

जयराम रमेश को मोहलत देने से किया इनकार

जयराम रमेश के इन सनसनीखेज दावों के बाद बीजेपी बुरी तरह भड़क गयी थी और चुनाव आयोग का रूख किया था। बीजेपी ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था, जिसपर आयोग ने जयराम रमेश से अपना पक्ष रखने को कहा था। आयोग के नोटिस पर जयराम रमेश ने एक हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा लेकिन आयोग ने सिरे से इनकार कर दिया और आज शाम 7 बजे तक उनसे इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है अन्यथा चुनाव आयोग उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी दिखायी सख्ती

इससे पहले दिन में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जयराम रमेश के आरोपों पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि अफवाहें फैलाना और हर किसी पर शक करना सही नहीं है। चुनाव आयुक्त ने इन आरोपों पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि "क्या कोई उन सभी (जिला मजिस्ट्रेट/रिटर्निंग ऑफिसर) को प्रभावित कर सकता है? हमें बताएं कि यह किसने किया। हम उस व्यक्ति को सजा देंगे, जिसने ऐसा किया...यह सही नहीं है कि आप अफवाह फैलाएं और हर किसी पर शक करें।"

गौरतलब है कि रविवार को भी इलेक्शन कमीशन ने जयराम रमेश से अमित शाह के खिलाफ जो आरोप लगाए हैं, उसे लेकर पूरी जानकारी मांगी थी। इलेक्शन कमीशन ने कहा था कि "वोटों की गिनती की प्रक्रिया हर आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) का एक कर्तव्य है। एक वरिष्ठ, जिम्मेदार और अनुभवी नेता की ओर से इस तरह से सार्वजनिक बयान देकर शक पैदा करने की स्थिति नहीं पैदा करनी चाहिए। जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्हें इस पर ध्यान रखना चाहिए।