सीता के शाप से मुक्ति : गया के फल्गु में देश का सबसे बड़ा रबर डैम बनकर तैयार..8 सितंबर को CM नीतीश करेंगे लोकार्पण.
GAYA:-इस साल 9 सितंबर के पितृपक्ष महासंगम शुरू हो रहा है..इस अवसर पर देश विदेश के लाखों सनातन धर्मावलंबी गयाजी में अपने पितरों के नाम से पिंडदान और तर्पण करेंगे.इस बार आने वाले तीर्थायात्रियों को फल्गू नदी में निर्मल जल मिलेगा जिससे वे तर्पण कर सकेंगे.
CM नीतीश करेंगे लोकार्पण
गया के विष्णुपद मंदिर के पास फल्गू नदी में सालो भर पानी के लिए बिहार सरकार ने देश के सबसे बड़े रबर डैम का निर्माणा कराया है,और इस रबर डैम को इस पितृपक्ष मेला के ठीक पहले आमलोगों के लिए समर्पित किया जा रहा है.8 सितंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद यहां लोकार्पण के लिए पहुंच रहें हैं.उनके साथ जल संसाधन वं पर्यटन समेत कई विभाग के मंत्री में मौजूद रहेगे.
रबर डैम का नाम रखा गया है गयाजी डैम
सरकार की इस योजना से भगवान विष्णु की मोक्ष धाम में ऐतिहासिक फल्गु नदी की कायाकल्प हो गई है.यह इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में लिखी जाने वाला काम किया गया है.तीर्थायात्रियों लिए स्टील पुल का भी निर्माण किया गया है जिसका उपयोग विष्णुपद मंदिर से सीताकुंड जाने वाले तीर्थयात्री फल्गु नदी पार करने में करेंगे.
मुख्यमंत्री के आगमन से पहले जल संसाधन मंत्री संजय झा ने पूरे कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा की है.सीएम की विशेष निर्देश पर रबर डैम का नाम ‘गयाजी डैम’ रखा गया है.इसके निर्माण से विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गू नदी में सालों भर जल उपलब्ध रहेगा और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को पिंडदान, स्नान एवं तर्पण में सुविधा होगी।इस डैम के निर्माण से गयाजी के भूजल स्तर में भी सुधार हुआ है।
जल संसाधन विभाग ने किया है निर्माण
बताते चलें कि ज्ञान एवं मोक्ष की पावन भूमि पर धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर गया-बोधगया में हर वर्ष लाखों सनान, बौद्ध, जैन एवं अन्य धर्मों के श्रद्धालु आते हैं। सनातन धर्म से जुड़े बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने पितरों को मोक्ष दिलाने की कामना के साथ पिंडदान, स्नान एवं तर्पण के लिए आते हैं। इस विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट मोक्षदायिनी फल्गू नदी में सतही जल का प्रवाह बरसात के कुछ भाग को छोड़ कर शेष दिनों में नगण्य होने के कारण देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था ।इस परेशानी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल संसाधन विभाग ने बिहार के पहले रबर डैम का निर्माण करवाया है,और यह निर्धारित समय से एक साल पहले ही पूरा करा लिया है।इस महत्वाकांक्षी योजना का शिलान्यास खुद माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कर-कमलों से 22 सितंबर, 2020 को हुआ था। योजना को अक्टूबर, 2023 में पूरा करना था लेकिन समय से पहले ही पूरा कर दिया गया ।
सालोभर रहेगा जल
बिहार में पहली बार परंपरागत कंक्रीट डैम के स्थान पर आधुनिक तकनीक पर आधारित रबर डैम का निर्माण कराया गया है , जिसका पर्यावरण पर भी कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस योजना की पूरी रूपरेखा आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों द्वारा स्थल निरीक्षण के उपरांत दिये गये परामर्श को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई थी। मंदिर के300 मीटर निम्न प्रवाह में फल्गू नदी के बाएं तट पर411 मीटर लंबा, 95.5 मीटर चौड़ा और03 मीटर ऊँचा रबर डैम का बनाया गया है। इसमें फल्गू नदी के सतही एवं उप सतही पर जल प्रवाह को रोक कर जल का संचयन किया गया है और पानी के समय-समय पर प्रतिस्थापन के लिए बोरवेल की स्थापना की गई है। सतही जल के प्रवाह को रोकने के लिए1031 मीटर लंबाई में शीट पाइल और300 मीटर में डायफ्राम वॉल का प्रावधान किया गया है। इस डैम के निर्माण से विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गू नदी में सालोभर जल उपलब्ध रहेगा श्रद्धालुओं की पिंडदान करने के लिए पवित्र जल मिलेगा अपने पितरों को मुक्ति दिलाएंगें ।
दशरथ का पिंडदान करने आए थे राम और सीता
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति जिन तीन कृत्यों से होती है, वे हैं- श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण.पुराणों में पिंडदान एवं तर्पण के लिए गया को सबसे पवित्र स्थान बताया गया है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक गया जी तीर्थ में स्वयं भगवान श्रीराम , माता सीता , पांचों पाण्डव सहित अन्य देवताओं ने भी अपने परिवार के साथ पितरों के निमित्त पिंडदान के लिए आये थे।