मेरी बुद्धि मारी गई थी.... : BPSC अध्यक्ष ने कर दिया बड़ा खुलासा, रिटायरमेंट से पहले दर्द किया बयां
पटना : गुरुवार को बीपीएससी कार्यालय में संवाद कार्यक्रम के दौरान बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद अभ्यर्थियों से एक बार फिर रूबरू हुए। इस दौरान ही मौके पर मौजूद एक छात्रा ने उनसे सवाल किया कि आपने आईआईटी में ऑल इंडिया नौवीं रैंक आने के बाद भी सिविल सेवा को क्यों चुना? हम तमाम अभ्यर्थी बीएससी की तैयारी कैसे करें ? वहीं इस सवाल के जवाब में अध्यक्ष ने कहा कि यह मेरी बहुत बड़ी गलती थी और गलती का खामियाजा तो मुझे भुगतना ही है।
दरअसल बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद का कार्यकाल 12 फरवरी को समाप्त हो रहा है। उन्होंने अगस्त 2022 में आयोग का पदभार संभाला था। इसी अवसर पर बीपीएससी कार्यालय में उन्होंने अभ्यर्थियों ने सीधा संवाद किया। इस दौरान ही एक छात्रा ने पूछा कि आपने आईआईटी में ऑल इंडिया नौवीं रैंक आने के बाद भी सिविल सेवा को क्यों चुना? हम तमाम अभ्यर्थी बीपीएससी की तैयारी कैसे करें ?
इस सवाल के जवाब में बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद-मेरी बुद्धि मारी गई थी कि IIT में ऑल इंडिया रैंक 9 आने के बावजूद मैं सिविल सेवा में आया। यह मेरी बहुत बड़ी गलती थी और गलती का खामियाजा तो मुझे भुगतना ही है। हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अच्छाई-बुराई हर जगह होती है। आप मन लगाकर काम करते रहें। अध्यक्ष ने कहा कि आपको एनसीईआरटी पर फोकस करना ही होगा।
अतुल प्रसाद ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि मैं जब आयोग आया था तो शुरुआती दिन काफी कठिन रहे। विरोध का भी सामना करना पड़ा, लेकिन धीरे-धीरे सब सही होता चला गया। बीपीएससी ने एक उदाहरण सेट किया है। मैं कॉन्फिडेंट हूं, मेरी इस पूरे टीम पर। मुझे आप लोगों पर भी पूरा कॉन्फिडेंस है कि जिस तरीके की पारदर्शिता आयोग में अपनाई गई है, वह आगे भी कायम रहेगी। इसलिए इतनी बड़ी शिक्षक भर्ती परीक्षा को हमने इतनी आसानी से पूरा कर लिया है।
बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने आगे कहा कि ऐसा मुझे हमेशा सुनने को मिलता है कि मैं और केके पाठक दोनों यूपी के हैं। हम लोग यूपी के छात्रों की मदद कर रहे हैं। केके पाठक तो यूपी के हैं, लेकिन मैं प्रॉपर पटना का रहने वाला हूं, बिहारी हूं। मैंने पटना से ही स्कूल की पढ़ाई की और पटना साइंस कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन किया है। ऐसा हमेशा सुनने को मिलता है कि मैं बिहार के बारे में नहीं सोचूंगा तो पहले तो मैं यह बता दूं कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।