BIHAR NEWS : गरीबों का आशियाना टूटा, प्रशासन पर लगा आरोप, जानिए क्या है पूरा मामला


उजड़ गए दिन उस डाली से जिस पर मेरा बसेरा था।एक तरफ बाढ़ प्रभावित लोगों को किसी आशियाने की तलाश है, और दूसरी तरफ प्रशासन द्वारा बचे-खुचे घरों को भी तोड़ा जा रहा है। वह भी तब, जब यह मजदूर वर्ग के उन लोगों के घर हैं, जिनके बच्चे आज सड़कों पर हैं। हर आने जाने वालों की आंखों में झाँक कर अपने सवालों का उत्तर ढूंढते है कि आखिर हमें दीपावली में गृह विहीन क्यों किया गया।? बच्चे आने वाली दीपावली में अब कहा अपना घरौंदा बनाकर उसमें कच्चे रंग भरेंगे दीप जलाएंगे अपने सपनों का घर सजाएंगे।
सहरसा:-नवहट्टा प्रखंड के मुरादपुर पंचायत के तिरासी गांव में शुक्रवार को प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान कई गरीब परिवारों का आशियाना उजाड़ दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने उनके घरों को तोड़ दिया, जबकि यह जमीन उनकी पुश्तैनी है।
पीड़ितों के अनुसार, इस जमीन को लेकर पिछले दस वर्षों से मामला न्यायालय में लंबित है। बावजूद इसके प्रशासन ने कार्रवाई कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि उनके पास पुराने ज़माने के कागज़ात मौजूद हैं, लेकिन प्रशासन नए दस्तावेजों के आधार पर तोड़फोड़ कर रहा है।
बेदखल हुए लोगों ने रोते-बिलखते कहा – "हम लोग भूमिहीन हैं, छोटे-छोटे बच्चे हैं, अब कहां जाएं… हमारा तो सब कुछ उजड़ गया।"फिलहाल ग्रामीणों ने न्याय की गुहार लगाई है और प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। महिलाओं और बच्चों को पुलिसिया कार्रवाई में लाठी से आई चोट जिसे हर महिला दिखा रही है नौहट्टा पुलिस को कटघरे में खड़ा करती है।हमारे कर्मवीर पुलिस अधीक्षक से हमारी आरजू की वो इन निसहाय लोगो की पुकार सुनेंगे।अदालत के फैसलों से। पहले क्या पुलिसिया फैसला उचित है।सवाल है?
सहरसासे शशि मिश्राकी रिपोर्ट