जामताड़ा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा : PM का मानना, जब तक झारखंड का विकास नहीं, तब तक देश का विकास अधूरा
जामताड़ा : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जामताड़ा में चुनावी सभा को संबोधित किया. उन्होंने दुमका लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी सीता सोरेन के समर्थन में जनसभा में उपस्थिल लोगों से वोट देने की अपील की. गृह मंत्री ने मंच से अपने संबोधन में बड़े नेताओं के साथ नये कार्यकर्ताओं का भी हौसला बढ़ाया.
चुनावी सभा में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भ्रष्टाचार में लिप्त सरकार के खिलाफ वोट देने का आह्वान किया. वहीं सभा को पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद झा बाटुल और रणधीर सिंह ने भी संबोधित किया. जनसभा में पार्टी प्रत्याशी सीता सोरेन ने हेमंत सोरेन के कुनबे पर जबरदस्त प्रहार किया है. उन्होंने कहा है कि जो अपना भरा पूरा संपन्न परिवार नहीं संभाल सका. वो प्रदेश कैसे चलायेगा. यह दुर्गा सोरेन के सपने वाली सरकार नहीं है. यह तो भ्रष्टाचारियों और लुटेरों की सरकार है.
वहीं केन्द्रीय गृह मंत्री ने चुनावी सभा में कांग्रेस और झामुमो पर हमला करते हुए कहा कि झारखंड गठन का श्रेय बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेई को है. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके लिए झारखंड भ्रष्टाचार का एटीएम है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का मानना है कि जब तक झारखंड का विकास नहीं होगा. तब तक देश का विकास अधूरा रहेगा. उन्होंने बार बार दुमका लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन को वोट देकर विजयी बनाने की अपील की है.
गृह मंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि झामुमो भले ही सीता सोरेन के साथ न्याय नहीं किया. लेकिन हम भाजपा के लोग उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे. भाजपा झारखंड के सपने को साकार करने वाली पार्टी है. यही वह पार्टी है जो भगवान बिरसा मुंडा के सपनों का भारत बनाएगी. अपने अंदाज में अमित शाह ने कहा कि दुर्गा सोरेन को न्याय दिलाने का काम दुमका की जनता करे. सीता सोरेन जी को बड़ी बहुमत के अंतर से जीत दिलाए.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की कुटिया पर कोई प्रधानमंत्री गए,तो वे हैं नरेंद्र मोदी. इन्होंने दलितों-आदिवासियों को साथ लेकर विकास यात्रा की शुरुआत की.
आगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह आदिवासी भाई-बहनों से अपील करना चाहते हैं कि ऐसी सरकार चुनें जो घुसपैठ रोके. घुसपैठ नहीं रोकी गई तो आदिवासियों की जमीन और जंगल दोनों खतरे में पड़ जायेंगे. यहां घुसपैठ का मुद्दा आदिवासियों के लिए बड़ा सवाल है.