खिलाड़ियों के अच्छे दिन आने वाले हैं ! : बिना परीक्षा दिए भी आप बिहार में SDO और DSP बन सकतें हैं,जानें कैसे..

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Good days for players, in Nitish-Tejashwi's Bihar, one can become SDO and DSP even without giving examination. Good days for players, in Nitish-Tejashwi's Bihar, one can become SDO and DSP even without giving examination.

PATNA:- बिना प्रतियोगिता परीक्षा में बैठे भी बिहार में SDO और DSP बन सकते हैं ,बस खेल में आप बेहतर प्रदर्शन कर लें.. क्योंकि अब बिहार के खिलाड़ियों के भी अच्छे दिन आ रहें हैं.'मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना के तहत 71 खिलाड़ियों को लिपिक से लेकर दारोगा तक की नौकरी दी गयी है.वहीं खेल को बढ़ावा देने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने अलग से खेल विभाग विभाग गठित करने की घोषणा की है.ये विभाग खेल को बढ़ावा देने के साथ ही खिलाड़ियों को बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए भी काम करेगा.अब खिलाड़ियों को छात्रवृति भी दी जायेगी.राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को डीएसपी और एसडीओ तक की नौकरी सीधे बिना किसी परीक्षा लिए ही दी जायेगी.

बताते चलें कि शनिवार को 1 अणे मार्ग स्थित नेक भवन में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया था.इसमें मुख्यमंत्री ने चीन के हांगझोऊ गोऊ में आयोजित 19 वां एशियन गेम्स तथा चतुर्थ एशियन पारा गेम्स, 2023 के हाईजंप प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता शैलेश कुमार, कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल खेल में पदक जीतनेवाले श् चंदन कुमार सिंह, चतुर्थ एशियन पारा गेम्स, 2023 के तैराकी में मो० शम्स आलम शेख, साइकिलिंग ट्रैक में जलालुद्दीन अंसारी, फेनसिंग (तलवारबाजी) में आकाश कुमार, कबड्डी में सागर कुमार, एशियन गेम्स के रग्बी खेल में श्वेता शाही सहित कबड्डी, रग्बी, मार्शल आर्ट, एथलेटिक्स, फुटबॉल तथा ड्रैगन बॉल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाले 71 खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।इस अवसर पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और कला संस्कृति युवा एवं खेल विभाग के मंत्री जितेन्द्र राय भी मौजदू थे.

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बहुत खुशी की बात है कि खेलों में अच्छे प्रदर्शन करनेवाले खिलाड़ियों को नौकरी दी गयी है और उन्हें नियुक्ति-पत्र प्रदान किया गया। मैं नियुक्ति-पत्र पानेवाले सभी खिलाड़ियों को बधाई एवं शुभकामनायें देता हूं। उन्होंने कहा कि जब हम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में रेल मंत्रालय देख रहे थे, उसी समय हमने रेलवे में खिलाड़ियों को नौकरी देने की व्यवस्था की थी। इस व्यवस्था के तहत सैकड़ों खिलाड़ियों को रेलवे में नौकरी दी गयी। रेलवे में खिलाड़ियों को नौकरी मिलने से उनका उत्साह बढ़ा। शूटिंग के नामी प्रशिक्षक नागेन्द्र तोमर ने मेरे गांव कल्याण बिगहा में आकर शूटिंग रेंज की स्थापना की। राज्य सरकार द्वारा कल्याण बिगहा में स्थित शूटिंग रेंज को राष्ट्रीय स्तर का बनाया गया है जहाँ राज्य भर से खिलाड़ी आकर अभ्यास करते हैं और यहां से प्रशिक्षित होकर अनेक राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं। रेलवे में खिलाड़ियों को नौकरी देने की तर्ज पर वर्ष 2010 से बिहार में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देना शुरू किया गया जिसके तहत वर्ष 2010 में 33, वर्ष 2011 में 125, वर्ष 2015 में 82 तथा वर्ष 2020 में 31 को मिलाकर कुल 271 खिलाड़ियों को लिपिक वर्ग की नौकरियां दी गयी थीं। अब राज्य में खेलों के प्रति युवाओं की रूचि बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा 'मेडल लाओ नौकरी पाओ तर्ज पर 'बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023' बनायी गयी है। इसके तहत राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में मेडल पानेवाले खिलाड़ियों को सीधे नौकरी दी जायेगी। इस नये नियम के अनुसार खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने पर एस०डी०ओ० एवं डी०एस०पी० तक बनने का मौका मिलेगा। इस नियमावली के तहत आज 71 खिलाडियों को नौकरी दी गयी है जिसमें 2 को पदाधिकारी की नौकरी दी गयी है जिसमें बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी शामिल हैं। 69 को पुलिस अवर निरीक्षक, समाज कल्याण विभाग में अधीक्षक एवं डाटा इन्ट्री ऑपरेटर एवं लिपिक की नौकरियां दी गयी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए हर स्तर पर खेल सुविधायें विकसित की जा रही हैं ताकि बच्चे पढ़ें भी और खेलें भी। राज्य में प्रखंड स्तर पर स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है जिसमें अब तक लगभग 250 स्टेडियमों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। खिलाड़ियों को राज्य के बाहर प्रशिक्षण हेतु भेजा जा रहा है। हर वर्ष राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करनेवाले खिलाड़ियों को खेल सम्मान योजना के तहत पुरस्कार दिया जाता है। पटना में कंकड़बाग में पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया गया है जहां राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया

जाता है। पाटलिपुत्र स्टेडियम में खेलों के आयोजन, प्रशिक्षण एवं खिलाड़ियों के रूकने की व्यवस्था है। राजगीर में बिहार खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है। राज्य में मेडिकल,इंजीनियरिंग एवं खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है। मेडिकल यूनिवर्सिटी एवं इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी का संचालन शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि राजगीर स्पोर्ट्स एकेडमी-सह-क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करें ताकि खेल विश्वविद्यालय का संचालन जल्द शुरू हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक खेल से संबंधित सभी कार्य कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अधीन किये जाते हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में अलग से 'खेल से संबंधित विभाग' का गठन किया जायेगा। इस खेल विभाग द्वारा खेल-कूद से संबंधित कार्यों को किया जायेगा। साथ ही अच्छे खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) दी जायेगी जिससे युवा खिलाड़ी अपना पूरा ध्यान खेल पर दे सकेंगे। स्कॉलरशिप की राशि से खिलाड़ी खेल का सामान खरीदने के साथ अपने अच्छे खाने के लिए राशि का उपयोग कर सकेंगे। पुलिस सहित अन्य विभागों में खेल कोटा के अनेक पद खाली हैं, इन पदों पर प्राथमिकता के आधार पर खिलाड़ियों की नियुक्ति की जायेगी।


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