पितृपक्ष महासंगम : CM नीतीश कुमार और DY.CM तेजस्वी करेंगे उद्घाटन,रबर डैम और फुटपाथ पुल का भी करेगें लोकार्पण
गया:-बिहार के सीएम नीतीश कुमार आज एक दिवसीय गया दौरै पर आ रहें हैं.वे दोपहर में सीताकुंड पिंडवेदी के समीप गयाजी डैम का लोकार्पण करेंगे,साथ ही देवघाट से सीताकुंड तक बने पुल फुटपाथ का भी उद्घाटन करेंगे,
इसके अलावा विष्णुपद मंदिर के समीप बने भव्य मंच पर विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला-2022 महासंगम का भी शुरूआत करेंगे.सीएम नीतीश के साथ ही डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पर्यटन मंत्री कुमार सर्वजीत, सहकारिता मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव,पूर्व सीएम जीतनराम मांझी समेत स्थानीय सांसद विजय मांझी, कई विधायक,विधान पार्षद एवं प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.सीएम और डिप्टी सीएम ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर में पूजा अर्चना भी करेंगे.
बताते चलें कि कोरोना की वजह से पिछले दो साल पितृपक्ष मेला का आयोजन नहीं हो पाया था.वहीं इस बार भव्य तरीके से आयोजन किया जा रहा है जिसमें लाखों तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है.इस बार गया आने वाले तीर्थयात्रियों को गयाजी डैम और फल्गु नदी पर बने फुटपाथ का भी लाभा मिलेगा.इसका लोकार्पण मेला से ठीक पहले सीएम नीतीश कुमार कर रहें हैं.
फल्गु में बने देश के सबसे बड़े रबर डैम के बारे में जानकारी देते हुए डीएम त्यागराजन ने कहा कि पूर्व के वर्षों में फल्गु नदी में पानी नहीं रहने के कारण पिंडदानियो को तर्पण देने में काफी कठिनाइयां होती थी. फल्गु नदी के तट पर विष्णुपद मंदिर के नजदीक सालों भर जल उपलब्ध कराने हेतु गयाजी डैम का निर्माण करवाया गया है. विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी के सतही प्रवाह को रोकने के लिए 3 मीटर ऊंचा एवं 411 मीटर की लंबाई में भारत का सबसे लंबा रबर डैम का निर्माण करवाया गया है. जिसमें 65- 65 मीटर लंबाई के 06 span हैं. इसके रबर ट्यूब में आधुनिक स्वचालित विधि से हवा भरी एवं निकाली जा सकती है, जिसके कारण फल्गु नदी के जल के प्रवाह एवं भंडारण को प्रभावी रूप से संचालित किया जा सकेगा. इसके साथ ही श्रद्धालुओं के विष्णुपद घाट से सीताकुंड तक पिंडदान हेतु जाने के लिए रबड़ डैम के ऊपर 411 मीटर लंबा स्टील पैदल पूल का भी निर्माण किया गया है. इसके साथ ही स्टील पैदल पुल से उतरकर सीताकुंड तक पहुंचने के लिए पैदल पथ भी तैयार किया गया है. श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान के समय उपयोग किए जा रहे नदी के पानी की स्वच्छता बनाए रखने के लिए बाएं तट पर 752 मीटर की लंबाई में भूमिगत मनसरवा नाला का भी निर्माण किया गया है।