BIG BREAKING : बोधगया स्थित विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में फायरिंग,पुलिस जवान की मौत

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Firing at World Heritage Mahabodhi Temple in Bodh Gaya, know who got shot Firing at World Heritage Mahabodhi Temple in Bodh Gaya, know who got shot

BODHGAYA:-बड़ी खबर बोधगया से है..जहां विश्वधरोहर महाबोधि मंदिर में फायरिंग हुई है और फायरिंग में मंदिर की सुरक्षा में तैनात जवान को गोली लगी है.गोली लगने से जवान की मौके पर ही मौत हो गई है.मृतक सतेंद्र यादव को 3 गोली सीने में लगी है.उसकी ड्यूटी मुचलिंद सरोवर के पास लगी थी। एसएलआर की गोली लगी हैं ।



गोली चलने आवाज के साथ ही मंदिर परिसर में सनसनी फैल गई है.बीटीएमसी प्रबंधन के साथ ही स्थानीय बोधगया थाना के साथ ही सिटी एसपी मौके पर पहुंचे हैं और पूरे मामले की छानबीन में जुटें हैं.सूचना के बाद फोरेंसिक जांच की टीम भी मौके पर पहुंची है और घटनास्थल से नमूने एकत्रित कर रही है.


इस घटना के बाद तत्काल श्रद्धालुओं का प्रवेश महाबोधि मंदिर में रोक दिया गया है और समुचित जांच पड़ताल के बाद फिर से श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.


इस संबंध में जिले के डीएम सह महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति(BTMC) अध्यक्ष ने जानकारी दी है कि महाबोधी मंदिर में पुलिस जवान को गोली लगने की घटना के संबंध उनकी बात बीसैफ ( bsaif) के कमांडेंट से हुई है। प्रथम दृश्यता पुलिस जवान के गिरने से कारवाईन की गोली चलने की बात कही गी है,पर पूरे मामले की जांच की जा रही है.समुचित जांच के बाद पूरी घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी.मौके पर पुलिस विभाग के साथ ही जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद हैं.

बतातें चलें कि महाबोधि मंदिर की सुरक्षा में विशेष कंपनी तैनात है.इसकी तैनाती 2013 में आतंकी घटना के बाद की गई थी.2013 में महाबोधि मंदिर समेत बोधगया के कई जगहों पर सीरियल धमाके हुए थे जिसमें कई बौद्ध भंते घायल हो गए थे.उसके बाद तत्कालीन केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे,बिहार के सीएम नीतीश कुमार और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे थे.उस समय सीआईएसएफ की तैनाती की मांग की गई थी,पर बाद में केन्द्र और राज्य सरकार ने आपसी चर्चा के बाद बीएमपी जवानों की तैनाती का निर्णय लिया था.इसके लिए बीटीएमसी के प्रावधान में संशोधन किए गए थे.आतंकी घटना से पहले महाबोधि मंदिर में सुरक्षाकर्मियों के हथियार ले जाने की मनाही थी पर बाद में इस नियम में बदलाव किया गया और अभी सैकड़ों महिला और पुरूष जवानों की ड्यूटी यहां मंदिर की सुरक्षा में लगी है.2013 में सीरियल बम धमाके में शामिल कई आतंकियों को एनआईए ने सजा दिलवाई है.

2013 के बाद 2018 मे भी दलाई लामा के प्रवास के दौरान बोधगया को दहलाने की कोशिश की थी,पर समय रहते इसका पता चल गया था,और बोधगया में सीरियल विस्फोट होने से बच गया था.इस मामले की भी जांच एनआईए कर रही है.इस मामले में भी कई आतंकियो की गिरफ्तारी हुई है.

महाबोधि मंदिर मे आज हुई फायरिंग में जवान सतेन्द्र की मौत की वजह कुछ अलग बताई जा रही है.पूरी जांच के बाद इस फायरिंग और मौत की वजह का पूरा खुलासा हो पाएगा,पर आज पुलिस जवान की हुई इस मौत ने एक बार फिर से 2013 और 2018 की आतंकी साजिश की घटना की याद दिला दी है.