बिहारवासियों के लिए खुशखबरी : नालंदा की तरह ही बोधगया में भी बन रहा है अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का शिक्षण संस्थान..दलाईलामा ने किया शिलान्यास..

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Bodhgaya:-विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय की तरह ही अब बोधगया में भी देश विदेश के छात्र पढने के लिए आएंगे..इसके लिए बोधगया में "द दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बतन एंड इंडियन एंशियंट विजडम" का शिलान्यास किया गया है.इस शिलान्यास समारोह में तिब्बती बौद्ध धर्म गुरू दलाईलामा के साथ ही केन्द्रीय कानून मंत्री किरण रिजजु, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी शरीक हुए हैं.यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक महाविद्यालय होगा जिसमें चार भाषओं में पढाई और शोध होगा.

यह संस्थान करीब 40 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है। 40 में से दस एकड़ भूमि बिहार सरकार ने दी है और शेष भूमि मैत्रय प्रोजेक्ट ने दी है. जिस पर विश्वविद्यालय का भव्य स्वरूप तैयार किया जाएगा।संस्थान के पूरी तरह से तैयार होने में करीब चार साल का समय लगेगा.इस संस्थान के बारे में जानकारी देते हुए तिब्बती मठ के मुख्य आम्जे लामा का कहना है कि इस विश्वस्तरीय इंस्टीट्यूट में भारतीय मनोविज्ञान और बौद्ध धर्म से जुड़े विषयों पर शोध व अध्ययन होंगे। यहां मुख्य रूप से इंडियन फिलॉस्फी, लॉजिक, मनोविज्ञान और 14वें दलाई लामा के चार सिद्धांतों- ह्यूमन वैल्यू, रीलिजियस हार्मोनी, तिब्बत और रिवाइवल ऑफ एंशियंट इंडियन विजडम से जुड़े विषयों की पढ़ाई की सुविधा होगी। साथ ही भारत की प्राचीन विद्या का अध्ययन कराया जाएगा।इसमें इंडिया एवं तिब्बत के साथ ही विश्व भर के छात्र अध्ययन के लिए आएंगे.पढाई के साथ ही छात्रों के रहने के लिए भी बेहतर इंतजाम रहेगा.

निर्माणाधीन अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी के सहायक डायरेक्टर करमा ने बताया कि यहां मुख्य रूप से चार भाषाओं में पढ़ाई के साथ शोध कार्य होगें।चार भाषाओं हिंदी, संस्कृत, पालि और चाइनीज भाषा में पढ़ाई होगी। यहां विश्व के किसी भी देश के स्टूडेंट अध्ययन कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हिमालयन रिजन के छात्र सबसे अधिक होंगे।। यह इंस्टीट्यूट अपने आप बेजोड़ होगा। नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज में न केवल सुविधा होगी बल्कि अध्ययन- अध्यापक का एक बड़ा केंद्र होगा।


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