झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज की ननद ने दिखाया कमाल : एमडी की परीक्षा में डॉ पल्लवी ने हासिल किया गोल्ड मेडल

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Dr Pallavi won gold medal in MD exam Dr Pallavi won gold medal in MD exam

धनबाद/पुणे:अभी-अभी एशिया की सर्वाधिक कठिन मानी जानी वाली यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम में टॉप-4 लड़कियां हुई हैं. इसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है कि तमाम बंदिशों और परेशानियों को बीच बेटियां कहीं आगे निकल रहीं हैं.


इसी कड़ी में धनबाद की चिकित्सक बिटिया ने पुणे में कमाल कर दिखाया है. जी हां, यह खुशी रघुकुल परिवार में आयी है, जिसकी सुगंध पूरे जिले और सूबे में फैल रही है।

झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह की ननद, हर्ष सिंह व आदर्श सिंह की बहन पल्लवी सिंह ने एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसीन) की परीक्षा में टॉप कर गोल्ड मेडल हासिल करने में सफलता पायी है और धनबाद व झारखंड का नाम रोशन किया है।भारती विद्यापीठ, पुणे (महाराष्ट्र) में आयोजित दीक्षांत समारोह में डॉ पल्लवी को पद्मश्री प्रोफेसर कृष्णा एन गणेश ने एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर गोल्ड मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।


स्व. संजय सिंह व पुष्पा सिंह की पुत्री डॉ पल्लवी ने महाराष्ट्र के पुणे स्थित भारती विद्यापीठ से डर्मेटोलॉजी, वेनेरोलॉजी एंड लेप्रोसी में एमडी किया है। इसके फाइनल एग्जाम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और गोल्ड मेडल (स्वर्ण पदक) प्राप्त करने में सफल रही। डॉ. पल्लवी ने एमबीबीएस की परीक्षा मणिपाल मेडिकल कॉलेज से पूरी की थी। इससे पूर्व 12वीं और दसवीं की परीक्षा धनबाद के कार्मेल स्कूल से पास की थी.


भारती विद्यापीठ में आयोजित दीक्षान्त समारोह में जब डॉ. पल्लवी को गोल्ड मेडल से विभूषित किया जा रहा था, तो इस अविस्मरणीय क्षण के गवाह उनके स्वजन बने। झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, डॉ. पल्लवी की मां पुष्पा सिंह, बड़ी मां सरोजिनी सिंह, अभिषेक सिंह, हर्ष सिंह, आदर्श सिंह एवं अन्य पारिवारिक जनों ने पुणे पहुंचकर डॉ. पल्लवी की हौसला आफजाई की। अपनी ननद की सफलता पर गदगद् झरिया विधायक कहती हैं कि, "पूरा परिवार इस उपलब्धि पर गर्वित है। एमडी के बाद डॉ. पल्लवी पूर्णरूपेण प्रैक्टिस करेंगी और समाज को अपनी सेवा देंगी.

"अपनी अभूतपूर्व कामयाबी पर हर्षित डॉ. पल्लवी ने कहा कि, "ईश्वरीय कृपा, परिवार का सहयोग, गुरुजनों व स्वजनों का आशीर्वाद, कठिन परिश्रम से यह लक्ष्य हासिल हुआ है."


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