पटना में सुबह-सवेरे ग्राम रक्षा दल का प्रदर्शन : सैकड़ों की संख्या में घेराव करने पहुंचे JDU दफ्तर, पुलिस ने खदेड़ा, CM आवास की बढ़ायी गयी सुरक्षा
PATNA : बिहार की राजधानी पटना के आर ब्लॉक के इलाके में उस वक्त अफरा-तफरी मच गयी, जब ग्राम रक्षादल दल के प्रदर्शनकारी शुक्रवार की सुबह प्रदर्शन करने के लिए जेडीयू दफ्तर पहुंच गये और घेराव करने की कोशिश करने लगे लेकिन इस दौरान वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया।
पटना में सुबह-सवेरे ग्राम रक्षा दल का प्रदर्शन
बताया जा रहा है कि ग्राम रक्षा दल के प्रदर्शन को देखते हुए CM हाउस के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही हज भवन की तरफ से आने वाले रास्तों पर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गये हैं। जानकारी के मुताबिक ग्राम रक्षा दल के सदस्य बड़ी संख्या में गर्दनीबाग धरनास्थल से मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए जाने वाले थे लेकिन विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए सीएम आवास के चारों तरफ के रास्तों को बंद कर दिया गया है।
CM आवास की बढ़ायी गयी सुरक्षा
CM आवास की तरफ सामान्य गाड़ियों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। बैरिकेडिंग कर गाड़ियों की आवाजाही रोक दी गई है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। गौरतलब है कि ग्राम रक्षा दल के सदस्य लगातार नीतीश सरकार से स्थायी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं, जिसे लेकर वे अपनी आवाजें बुलंद कर रहे हैं। इसका नाम मुख्य रूप से बिहार राज्य दलपती एवं ग्राम रक्षा दल भी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका नाम पुलिस मित्र भी रखा था।
बहाली के समय ग्राम रक्षा दल को वर्दी भी दी गई थी लेकिन मानदेय मात्र 4000 रुपये दिए गए थे। उसके बाद मानदेय बढ़ोतरी नहीं की गई। इन लोगों का काम ग्राम में हो रहे अपराधों को थाना अध्यक्ष को सूचना देना है। ग्राम रक्षा दल के कर्मियों की माने तो उनका जोखिम भरा काम है। वे सूचना देते हैं और थाना प्रभारी मैनेज कर देते हैं, जिसके बाद विवाद हो जाता है। उसके बाद भी इन्हें मात्र 4000 रुपये मिलते हैं।
कई बार कर चुके हैं मानदेय बढ़ाने की मांग
ग्राम रक्षा दल को मानदेय बढ़ाने सहित 11 सूत्री मांग को लेकर के कई बार इन लोगों ने हंगामे भी किए हैं। पटना के गर्दनीबाग में धरने भी दिए हैं। फरवरी 2024 में करीब 5000 की संख्या में ग्राम रक्षा दल पहुंचे थे। बीजेपी कार्यालय का घेराव किया था, जिस पर पुलिस ने जमकर लाठियां चटकायी थीं लेकिन अभी तक इन लोगों की मांग पूरी नहीं हुई है।