सुपौल में अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन : आदेश की कॉपी जलाकर जताया विरोध, जेल भरो आंदोलन की दी चेतावनी, सरकार से की ये बड़ी मांग

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Demonstration of guest teachers in Supaul Demonstration of guest teachers in Supaul

SUPAUL :सुपौल में शिक्षा विभाग द्वारा हाई स्कूलों में सेवा समाप्त करने के आदेश को लेकर अतिथि शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय सुपौल परिसर स्थित माध्यमिक शिक्षा सुपौल के कार्यालय के सामने दर्जनों अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा विभाग की आदेश की कॉपी को जलाकर विरोध जताया है।

वहीं, सीएम नीतीश कुमार और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने विगत 30 मार्च को पत्रांक 325 में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश दिया कि वर्तमान में राज्य के कक्षा नवमी- दशमी के लिए तथा 11वीं -12वीं के लिए कुल 94738 पदस्थापित अतिथि शिक्षकों को सेवा में बनाए रखने की कोई आवश्यकता नहीं है।

1 अप्रैल 2024 से किसी भी परिस्थिति में अतिथि शिक्षकों से कार्य नहीं लिया जाए। ऐसे में अतिथि शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। अतिथि शिक्षक संघ के सुपौल जिला अध्यक्ष सच्चिदानंद झा ने कहा कि 25 जनवरी 2018 में अतिथि शिक्षकों को सरकार के निर्देश पर अलग-अलग हाई स्कूलों में पदस्थापित किया गया था। जो भी विगत 6 वर्षों से कार्यरत थे।

उन्होंने कहा कि बिहार गजट के संकल्प 51 में वर्णित है कि अतिथि शिक्षकों की सेवा नई नियुक्ति होने तक लिए जाने का प्रावधान होगा जबकि विभाग ऐसे विद्यालयों के अतिथि शिक्षकों को हटाने का काम किया है। जहां 10+2 में एक भी शिक्षक नहीं है, जिससे छात्र-छात्राएं शिक्षकविहीन स्कूल में समय काटने के लिए बाध्य होंगे।

उन्होंने कहा कि सीएम आवास के गेट पर अतिथि शिक्षक और शिक्षकों के ऊपर किए गए लाठी चार्ज सरकार की हिटलर शाही को प्रवृत्ति को रेखांकित करता है। वहीं, उन्होंने कहा कि अगर सरकार जल्द विचार कर इस आदेश को वापस ले अन्यथा आगामी 12 अप्रैल को जेल भरो आंदोलन के रूप में विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।


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