दर्शन के लिए लोग काफी उत्साहित : चंदवारा के चिलोडीह में लोग बसखुखड़ी को भगवान का अवतार मानकर कर रहे हैं पूजा अर्चना

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कोडरमा : आज हम भले ही चांद पर जाने की बात करते हैं लेकिनआधुनिकता के इस दौर में अंधविश्वास की जड़ें आज भी मजबूत है. कोडरमा के चंदवारा प्रखंड के चिलोडीह में कटे हुए पेड़ के जड़ में बसखुखड़ी को लोग देवी देवता मानकर पूजा अर्चना करने लगे हैं. जन्माष्टमी के दिन से अंधविश्वास का यह दौर जारी है और इसमें कोडरमा ही नहीं बल्कि आसपास के लोग भी यहां पहुंच कर बसखुखड़ी को भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश का अवतार मानकर पूजा अर्चना कर रहे हैं और चढ़ावा भी चढ़ा रहे हैं.

आमतौर पर बरसात के दिनों में लकड़ी की कुन्नी या फिर कटे हुए पेड़ के आसपास बसखुखड़ी दिखने लगती है लेकिनइस बसखुखड़ी के धीरे-धीरे बड़े होते स्वरूप को देखते हुए लोग अब इसे देवी शक्ति मान रहे हैं. लोग अंधविश्वास में इस बसखुखड़ी को देवी देवता का अवतार मान कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. लोगों ने इस बसखुखड़ी के ऊपर त्रिपाल भी लगा दिया है और अब लोग यहां मंदिर बनाने की बात भी करने लगे हैं.

दरअसल जन्माष्टमी के दिन इस बसखुखड़ी के आसपास सांप भी देखा गया था. महिलाओं की मानें तो बसखुखड़ी का इतना बड़ा स्वरूप कभी नहीं देखा गया है और यही वजह है कि इससे लोग दैवी शक्ति मानकर पूजा कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ पुजारी की मानें तो गौरी नदी के किनारे इस बसखुखड़ी के स्वरूप में भगवान शिव यहां विराजे हैं,जिसके दर्शन के लिए लोग उत्साहित हैं.


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