कांग्रेस प्रत्याशी के बिगड़े बोल : भाजपा के संकल्प पत्र पर की अमर्यादित टिप्पणी

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चतरा : लंबे इंतजार के बाद महागठबंधन की ओर से प्रत्याशी घोषित होने के बाद चतरा लोक सभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी मतदाताओं को रिझाने में जुटे गए हैं. हालांकि अभियान की शुरुआत के साथ ही वह अपने एक बयान से विवादों में घिर गए हैं.

प्रतापपुर में कार्यकर्ताओं के साथ मैराथन बैठक के बाद महागठबंधन प्रत्याशी केएन त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी की है. संवाददाताओं के पूछे गये सवाल प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा . इस पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर भाजपा के मोदी की गारंटी वाले संकल्प पत्र पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि एक व्यक्ति के नाम पर लोगों को गारंटी दी जा रही है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर चुनाव के बाद वह व्यक्ति नहीं रहता है तो देश के 140 करोड़ जनता के वोट की गारंटी कौन लेगा. हालांकि इस दौरान उन्हें अपनी गलती का एहसास तुरंत हुआ और उन्होंने शब्दों को संभालते हुए कहा कि वह चिरंजीवी हो जाए. लेकिन कोई एक व्यक्ति कैसे देश की गारंटी ले सकता है. अगर गारंटी ही लेना है तो व्यक्ति के बजाए संबंधित संगठन लोगों की गारंटी ले.

कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी ने कहा कि जीतने के बाद सांसद प्रधानमंत्री को चुनते हैं. हमलोग भाजपा जैसा नहीं हैं कि किसी एक व्यक्ति के नाम की गारंटी संकल्प पत्र के तौर पर देते चलें. उन्होंने पीएम मोदी का नाम लिये बगैर कहा कि भाजपा के द्वारा फलां की गारंटी दी जा रही है. अगर वह गारंटी वाला व्यक्ति सरकार बनने के बाद नहीं रहता है तो गारंटी फेल हो जाएगा. हालांकि महागठबंधन प्रत्याशी के बयान पर बीजेपी प्रत्याशी ने भी पलटवार किया है. भाजपा प्रत्याशी कालीचरण सिंह ने कहा है कि महागठबंधन प्रत्याशी का प्रधानमंत्री के प्रति ऐसा बयान उनकी विक्षिप्त मानसिकता और छोटी सोंच को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी की ऐसी घटिया और छोटी बात समझ से परे है. उनका मानसिक संतुलन में जरूर कोई गड़बड़ी है. भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि मैं कई दिनों से देख और सुन रहा हूं. पीएम के बारे में ऐसा बयान अव्यवहारिक है. ऐसे व्यक्ति को चुनाव लड़ने से वंचित कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे लोगों के कारण ही देश की सबसे पुरानी पार्टी होने के बावजूद आज 50 सीटों तक नहीं पहुंच पा रही है.


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