बिहार को बड़ा झटका : केंद्र सरकार ने 85 नए KV और 28 नवोदय विद्यालय खोलने का लिया फैसला लेकिन बिहार को किया अनदेखा

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 Central government decided to open 85 new KVs and 28 Navodaya Vidyalayas but ignored Bihar.  Central government decided to open 85 new KVs and 28 Navodaya Vidyalayas but ignored Bihar.

NEW DELHI : भारत के शिक्षा जगत में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए केंद्र सरकार ने देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नए जवाहर नवोदय विद्यालय खोलने की घोषणा की है। इस योजना के लिए केंद्र ने 8,231 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर कर दिया है। हालांकि, इस फैसले में बिहार को पूरी तरह से नजरअंदाज किए जाने से विवाद खड़ा हो गया है।

बिहार को किया गया अनदेखा

केंद्र सरकार के इस फैसले के तहत जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा 13 केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश को 8 नए जवाहर नवोदय विद्यालय मिलेंगे। केंद्र सरकार के अनुसार इस योजना का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में समानता लाना और दूरदराज के इलाकों में शिक्षा की पहुंच बढ़ाना है। वर्तमान में देशभर में 1,253 केंद्रीय विद्यालय और 661 नवोदय विद्यालय हैं। बिहार में फिलहाल 49 केंद्रीय विद्यालय और 39 नवोदय विद्यालय कार्यरत हैं लेकिन नए विद्यालयों की घोषणा में बिहार को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया गया है।

बिहार में विरोध तेज

इस फैसले के बाद बिहार में लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस विषय पर बहस तेज हो गई है। एक यूजर ने लिखा है कि "जम्मू-कश्मीर को 13 नये केंद्रीय विद्यालय और बिहार को एक भी नहीं? लोगों का कहना है कि बिहार से सांसदों को जीताकर केंद्र में सरकार बनाई जाती है लेकिन विकास का हिस्सा हमें नहीं मिलता।" वहीं, विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए इसे बिहार के साथ अन्याय करार दिया है।

बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। हर साल इन विद्यालयों में लाखों बच्चे नामांकन के लिए आवेदन करते हैं। केंद्र सरकार के इस फैसले ने देश के शिक्षा क्षेत्र में सुधार की उम्मीदों को बढ़ाया है लेकिन बिहार जैसे बड़े राज्य को पूरी तरह से नजरअंदाज करना सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करता है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करती है या नहीं।