बक्सर में आस्था का सैलाब : मुंडन संस्कार के दौरान रामरेखा घाट पर उमड़ा जनसैलाब, पुलिसकर्मियों के छूटे पसीने

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बक्सर : सूबे की सरकार के द्वारा सोमवार से संक्रमण रोधी नियमों को हटाने के साथ ही पूर्व की तरह लोग अपनी दिनचर्या में वापस लौट गए। इस दौरान शुभ मुहूर्त होने के कारण रामरेखा घाट पर मुंडन संस्कार के श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान यातायात व्यवस्था सुचारु बनाए रखने के लिए यातायात पुलिस को काफी पसीना बहाना पड़ा।

जिले के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालु रामरेखा घाट पर आयोजित मुंडन संस्कार में शामिल हुए, साथ ही साथ गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाकर स्नान भी किया। इतना ही नहीं लोगों ने नौका विहार करते हुए परंपराओं के मुताबिक गंगा के इस पार से उस पार तक की यात्रा की। बाध की रस्सी से प्रतीकात्मक तौर पर रामरेखा घाट से उत्तर प्रदेश की तरफ के गंगा घाट को बांधा गया साथ ही रामरेखा घाट पर पूजन के अतिरिक्त श्रद्धालुओं ने गंगा के दूसरी तरफ पहुंचकर भी पूजा अर्चना ।

बक्सर के ऐतिहासिक श्री रामरेखा घाट पर मौजूद गंगा आरती सेवा ट्रस्ट के मुख्य पुजारी अमरनाथ पांडेय उर्फ लाला बाबा ने बताया कि यह परंपरा है कि सिर के बालों को मुंडन संस्कार के दौरान हटाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है चूंकि बाल गर्भ से ही बच्चे के सिर में होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन्हें हटा देने से बच्चों के बौद्धिक विकास में सहायता मिलती है, साथ ही यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी उचित है ।

मुख्य पुजारी ने बताया कि गंगा घाट पर मुंडन संस्कार को पहुंचने वाले लोगों की भीड़ सुबह 4:00 बजे से ही उमड़ने लगी थी जो कि दोपहर 3:30 बजे तक अनवरत बनी रही। उन्होंने कहा कि इस दौरान तकरीबन एक लाख से ज्यादा लोगों ने गंगा घाट पर पहुंचकर मुंडन संस्कार कार्यक्रम में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। उधर मुंडन संस्कार को लेकर उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर नगर में विधि-व्यवस्था बनाए रखने के तमाम इंतजाम किए गए थे ।


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