हजारो मील दूर मकर संक्रान्ति की खुशबू : जर्मनी में दही-चूड़ा के साथ प्रसिद्ध गया के तिलकुट से बिहारियों ने मनाया त्योहार..

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Biharis celebrated Makar Sankranti with Tilkut of Gaya famous in Germany along with Dahi-Chuda. Biharis celebrated Makar Sankranti with Tilkut of Gaya famous in Germany along with Dahi-Chuda.

Nawada:-मकर संक्रांति का उत्सव फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है और इसके साथ ही इसके सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है.इस परम्परा को हजारो मील दूर रहने वाले बिहारी भारतीयों के एक समूह ने जर्मनी में जीवित बनाये रखा है.



इस कड़ी में जर्मनी के स्टटगार्ट की बिहार बिरादरी ने एक छोटे से उत्सव का आयोजन किया जहां उन्होंने गायन, नृत्य और पारंपरिक खेल और पतंग बनाने जैसी कई मनोरंजक गतिविधियाँ कीं और अंत में सभी ने प्रसिद्ध दही, चूड़ा, तिलकुट का आनंद लिया.इस मौके के लिए बिहार फ़्रेट्ररनिटी स्टटगार्ट नाम की टीम ने बिहार के गया से ही करीब 200KG तिलकुट मंगवाया और उन्होंने पूरे जर्मनी में सभी बिहारी कर्मियों को तिलकुट भेजकर उन्हें तिलकुट उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया प्रसिद्ध बिहारी व्यंजन पाकर हर कोई बहुत खुश हुआ और टीम के प्रयासों की बहुत सराहना की

बिहार फ़्रेट्ररनिटी स्टटगार्ट के चार मुख्य सदस्य हैं - अरुणेश प्रकाश आर्य नवादा ज़िले के रजौली के रहने वाले हैं,वहीं विनय सोनी और अर्चना ठाकुर गया के,प्रकाश मिश्रा और संजय कुमार बिहारशरीफ एवं और विशाखा पांडे बक्सर के रहनेवाले हैं.बिहार बिरादरी स्टटगार्ट के मुख्य सदस्यों में से एक नवादा के अरुणेश प्रकाश आर्य ने बताया कि बिहारी लोगों को एकजुट और पारंपरिक त्योहारों को जीवित रखने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहना चाहिए , समूह बिहार की परंपराओं और भोजन का जश्न मनाने के लिए समय-समय पर छोटी-छोटी बैठकें आयोजित करता रहता है।