नीतीश सरकार को लगा बड़ा झटका : SC लिस्ट से बाहर हुई बिहार की ये जाति, सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी, आरक्षण के मिले लाभ अब होंगे वापस

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NEW DELHI : बिहार की नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगा है। जी हां, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में तांती-ततवा जाति को अनुसूचित जाति की सूची से बाहर कर दिया है। 01 जुलाई 2015 को बिहार सरकार ने जो संकल्प जारी किया था, उसे सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। ऐसे में अब बिहार की तांती-ततवा जाति के लोगों को अब अनुसूचित जाति (SC) का लाभ नहीं मिलेगा। ये अब EBC कैटेगरी में ही रहेंगे और अत्यंत पिछड़ा वर्ग को जो सुविधा मिलती है, वही सुविधाएं अब उन्हें भी मिलेंगी।

नीतीश सरकार को लगा बड़ा झटका

सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में कहा है कि SC लिस्ट में किसी जाति का नाम जोड़ने या फिर हटाने का अधिकार राज्य के पास नहीं है और यह काम सिर्फ संसद ही कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार के फैसले को संविधान से शरारत बताते हुए अवैध करार देते हुए कहा कि SC लिस्ट में दूसरी जाति को जोड़ने से अनुसूचित जाति के लोगों की हकमारी होती है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि संविधान के आर्टिकल 341 के तहत राज्य को अनुसूचित जाति की सूची में छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

जस्टिस विक्रमनाथ और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने कहा कि बिहार सरकार ने जुलाई 2015 में जो संकल्प जारी किया था, वह अवैध है। साथ ही ये संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। इसके लिए राज्य सरकार को माफ नहीं किया जा सकता है इसलिए बिहार सरकार के तांती-ततवा जाति को SC में शामिल करने के संकल्प को रद्द किया जाता है।

आरक्षण के मिले लाभ अब होंगे वापस

डॉ. भीम राव आंबेडकर विचार मंच और आशीष रजक की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने यह आदेश बिहार सरकार को दिया। दरअसल, 01 जुलाई को बिहार सरकार ने एक संकल्प जारी कर तांती और ततवा जाति को अत्यंत पिछड़ा वर्ग से हटा दिया था। इन्हें अनुसूचित जाति के क्रमांक संख्या-20 में पान स्वासी के साथ जोड़ दिया गया था। इस संकल्प के बाद तांती-ततवा को अनुसूचित जाति (SC) का प्रमाण-पत्र भी जारी किया जाने लगा, जिसके आधार पर ये सरकारी नौकरी हासिल करने में इसका लाभ उठाने लगे।

अनुच्छेद 341 का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि संसद में बनाए कानून के जरिए ही इस संशोधित या परिवर्तित किया जा सकता है। दो बेंच की कोर्ट ने कहा कि इन 9 सालों में तांती-तंतवा जाति के जिन लोगों को भी SC कोटे के आरक्षण का लाभ मिला है, उन्हें ईबीसी कोटा में समायोजित किया जाए और इससे खाली होने वाली सीटों और पदों को SC जाति के लोगों से भरा जाए।