बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने ACS को लिखा पत्र : शिक्षकों की इन समस्याओं का उठाया मुद्दा, MLC ने भी शिक्षा मंत्री से की मुलाकात
PATNA :बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शिक्षकों के पदस्थापना नीति में बदलाव करने की मांग की है. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि सभी हितबद्ध शिक्षक संगठनों एवं प्रतिनिधियों द्वारा ऐच्छिक स्थानांतरण की मांग की गई थी लेकिन पदस्थापना नीति में उसके संबंध में किसी प्रकार का विचार नहीं किया गया है. पदस्थापन नीति में, शिक्षकों को उनके गृह अनुमंडल में कहीं भी पदस्थापित करने का प्रावधान नहीं है. शिक्षक संघ ने इसका विरोध किया है और कहा कि इस प्रावधान को हटाया जाए क्योंकि राज्य में कुछ अनुमंडल जिला के बराबर हैं.
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि प्रत्येक 5 वर्षों में स्थानांतरण की प्रक्रिया को निरस्त कर पूरे सेवा काल में दो बार ही तबादले का प्रावधान लागू किया जाए. उन्होंने सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों को वरीयता के आधार पर योगदान करने की बात कही है क्योंकि स्थानीय निकाय शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा मात्र क्वालीफाइंग नेचर का था. ऐसे में अंक के आधार पर स्थानांतरण अव्यावहारिक होगा.
शिक्षकों के पदस्थापन नीति के संबंध में तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधान परिषद सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह ने शिक्षा मंत्री श्री सुनील कुमार से मिलकर शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराया है.
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी पत्र लिखकर शिक्षकों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना नीति में संशोधन करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के पदस्थापना नीति से राज्य भर के शिक्षकों में उनके ट्रांसफर को लेकर चिंता है. दिव्यांग और गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों को स्थानांतरित करने की बात पदस्थापन नीति में कही गई है, इसे लेकर उन्होंने विशेष तौर पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया और कहा है कि उनके लिए ऐच्छिक विद्यालय में पदस्थापन का प्रावधान होना चाहिए.
प्रो. संजय कुमार सिंह ने बताया है कि स्थानांतरण एवं पदस्थापन नीति में पुरुष शिक्षकों को उनके गृह अनुमंडल से बाहर ही स्थानांतरित करने का प्रावधान है. उन्होंने मुख्यमंत्री से गृह अनुमंडल को बदलकर गृह प्रखंड करने का आग्रह किया है क्योंकि राज्य में आठ अनुमंडल ऐसे हैं जिनकी सीमा क्षेत्र जिला के बराबर है. उन्होंने पत्र में शिक्षकों के असंतोष को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षकों को अन्य कर्मियों की तरह प्रत्येक पांच वर्ष में स्थानांतरण की अनिवार्यता से छूट मिलनी चाहिए ताकि बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रभावित न हो. पूर्व की भांति ऐच्छिक स्थानांतरण का ही प्रावधान होना चाहिए. उन्होंने अपने पत्र में 1995 में बड़े पैमाने पर हुए शिक्षकों के स्थानांतरण का भी जिक्र किया जिससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई थी. प्रो. सनजय कुमार सिंह ने पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि शिक्षा विभाग को उपरोक्त वर्णित समस्या के समाधान हेतु मुख्यमंत्री से आवश्यक दिशा-निर्देश देने की मांग की है।