BIHAR NEWS : राज्य सरकार की लापरवाही पर भड़का पटना हाईकोर्ट, जवाब नहीं देने पर लगाया आर्थिक दंड


PATNA : हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि बार-बार आदेश देने के बावजूद जवाब नहीं देना दुर्भाग्यपूर्ण है। जस्टिस विवेक चौधरी की एकल पीठ ने सोमवार को शैलेन्द्र कुमार की जमाबंदी से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आखिरी मौका दिया है कि वह ₹1000 की राशि लीगल एड में जमा कर जवाब दायर करे।
कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जब तक यह राशि जमा नहीं होती, तब तक जवाब स्वीकार नहीं किया जाएगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त 2025 को होगी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि अप्रैल 2025 से अब तक कोर्ट ने तीन बार राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, लेकिन हर बार सरकार ने टालमटोल किया। अधिवक्ता ने यह भी बताया कि याचिका दायर करने से पहले ही उसकी दो प्रतियां एडवोकेट जनरल कार्यालय में भेज दी गई थीं, ताकि सरकार समय पर जवाब दे सके।
इस मामले की शुरुआत दामोदर प्रसाद सिंह द्वारा की गई थी, उन्होंने फुलवारीशरीफ मौजा के अंचलाधिकारी के समक्ष आवेदन देकर अपनी भूमि की जमाबंदी में हुई त्रुटि को सुधारने की मांग की थी। अंचलाधिकारी ने नया जमाबंदी जारी कर रसीद देने का आदेश भी दिया था, लेकिन उस रसीद में भी गलती रह गई। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सभी स्तरों पर प्रयास किया लेकिन कोई समाधान नहीं मिला।
दामोदर प्रसाद सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी दया देवी और पुत्र शैलेन्द्र प्रसाद सिंह का नाम जमाबंदी में जोड़ा गया, जिन्होंने याचिका को आगे बढ़ाया। दीपक कुमार सिन्हा ने कोर्ट को यह भी अवगत कराया कि राज्य सरकार ने तीन बार आदेश के बावजूद जवाब नहीं दायर किया और अब एक सप्ताह का और समय मांग रही है। इस पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए अंतिम मौका देने का निर्णय लिया, वह भी आर्थिक दंड की शर्त के साथ।