बिहार में यूनिवर्सिटी घोटाला : जख्म राजभवन का: दर्द से परेशान नीतीश

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BIHAR KE UNIVERISTY ME GHOTALA SE PARESHAN CM NITISH BIHAR KE UNIVERISTY ME GHOTALA SE PARESHAN CM NITISH

भ्रष्टाचार के आरोपी कुलपतियो को सम्मानित करने से राजभवन भी संदेह के घेरे में

सूबे की छवि बचाने नीतीश ने लगायी राज्यपाल से गुहार तो शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयो में भ्रष्टाचार की हो जांच

PATNA:-करीब एक सप्ताह पहले मगध विश्व विद्यालय के कुलपति डा0 राजेन्द्र प्रसाद के यहां निगरानी और ईओयू का छापा और करीब 30 करोड़ रूपये के घोटाले का मामला अभी शांत ही नही हुआ था कि इसकी जद में अब बिहार के कई विश्वविद्यालय आ गये है. खासकर राजभवन द्वारा सर्वक्षेष्ठ सम्मान से सम्मानित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति और कभी तीन - तीन विश्वविद्यालयो के प्रभारी कुल पति रहे सुरेन्द्र प्रताप सिंह के उपर भ्रष्टाचार का मामला सामने आने से राजभवन के चेहरे पर तो दाग लगा ही है नीतीश सरकार के चेहरे भी धूमिल होने के कगार पर है.

बिहार में कराहती उच्च शिक्षा का मुख्य दारोमदार तो विश्वविद्यालयो के कुलाधिपति महामहिम राज्यपाल पर है लेकिन राज्य सरकार भी अपनी जिम्मेवारी से नही बच सकती . शायद इसी का अहसास होने के बाद मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद के यहां छापामारी राज्य सरकार की अपराध अनुसंधान ईकाई(EOU)ने की.यानि वगैर राजभवन की सहमति के ही EOU की इस कार्रवायी ने पूरी शिक्षा व्यवस्था की पोल खल दी. मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के बिहार और यू पी आवास में एक करोड़ से ज्यादा नगद के अलावे विदेशी मुद्रा और करोड़ो की संपत्तियो के कागजात मिले.मगध विश्वविद्यालय के कुलपति पर आरोप है कि उन्होने उत्तर पुस्तिकाओ की जरूरत नही होने के बावजूद उसकी छपायी ही नही की बल्कि उंची कीमत पर खरीद भी की और लखनऊ की एजेंसी को ठेका दिया. साथ ही काम करने वाले कर्मचारियो के वेतन भुगतान में भी भारी हेरा फेरी की गयी.

मगध विश्वविद्यालय के कुलपति का मामला अभी ठंढा ही नही हुआ कि मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय पटना के कुलपति मो0 कुद्दुस ने विवि के प्रभारी कुलपति रहते हुए सुरेन्द्र प्रताप सिंह के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग कर डाली . दर असल सुरेन्द्र प्रताप सिंह एक साथ तीन - तीन विश्वविद्यालयो मिथिला , पाटलिपुत्रा और मजहरूल हक विश्वविद्यालयो के प्रभार में रहे है और इसी सप्ताह उन्हें सर्वश्रेष्ठ कुलपति के सम्मान से राजभवन में नवाजा गया है. ये अलग बात है कि इस सम्मान समारोह में बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी नदारद थे.

बिहार के सबसे वेस्ट कुलपति के उपर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगने से हैरान राज्य सरकार ने मो0 कुद्दुस के पत्र को राजभवन रेफर ही नही किया खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महामहिम राज्यपाल फागू चौहान से मिलने बुधबार को राजभवन पहुंच गये और कुलपतियो के उपर लगे आरोप की जांच कराने का भी आग्रह कर डाला . राज्य सरकार इतना पर ही नही रूकी शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने तो सभी विश्वविद्यालयो की जाच कराने की मांग कर डाली.इधर मगध विश्वविद्यालय में कापी खरीद मामले की आंच अब बाबा साहब भीमराव अंबेदकर बिहार विश्वविद्यालय तक पहुंच गयी है.यानि वह भी जांच के घेरे में आ गया है.

साथ ही निगरानी की कार्रवायी के बाद मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद एक माह की छुट्टी पर चले गये है तो दूसरी तरफ मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेन्द्र प्रसाद सिंह को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति के प्रभार से मुक्त कर दिया है. इधर कुलपतियो के कारगुजारियो से हुई फजीहत के बीच महामहिम कुलाधिपति दिल्ली दौरे पर गये है जहां वे केन्द्रीय गृह मंत्री और शिक्षा मंत्री से मुलााकात करेंगें.

बिहार में पहले से ही बेपटरी रही शिक्षा व्यवस्था में उच्च शिक्षा की स्थिति बदतर रही है. विश्वविद्यालयो में शिक्षक कर्मचारियो की कमी के अलावे अनियमित सेसन से राज्य के छात्र पहले ही हलकान रहे है और राज्य सरकार की भद्द पिटती रही है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधीन राज्य के डिग्री कालेजों में राज्य सरकार सीधे हस्तक्षेप नही कर सकती साथ ही इन संस्थानो के मुख्यिा विश्वविद्यालयो के कुलपति की नियुक्ति का भी अधिकार राजभवन को है . हां ये अलग बात है कि एक कमिटी के द्वारा पैनल के तहत इनकी नियुक्ति की जाती है जिसमें राज्य सरकार की सहमति भी ली जाती है. लेकिन शिक्षा व्यवस्था की बेपटरी के लिये जिम्मेवार तो राज्य सरकार ही होती है. शायद यही वजह है कि पहले से फजीहत झेल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा व्यवस्था के इस जख्म को जो राजभवन की देन है लेकिन इसका दर्द नीतीश को हो रहा है और इससे राहत पाने के लिये सूबे के मुखिया ने राजभवन से ही गुहार लगायी है. यानि तूने ही दर्द दिया है तू ही दवा देना. हाालंकि महामहिम राज्यपाल ने इस मामले में चुप्पी साध ली है और दिल्ली में कुछ भी कहने से इंकार किया है लेकिन इस घोटाले का पर्दाफाश हो जाने के बाद राज्य के कई कुलपतियो की नींद हराम हो गयी है.


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